सार
बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को आयोजित किसान समागम कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार तब भड़क गए, जब बापू सभागार में आयोजित किसान समागम के दौरान एक अधिकारी किसानी-खेती पर व्याख्यान दे रहे थे।
पटना। बिहार की राजधानी पटना में मंगलवार को आयोजित किसान समागम कार्यक्रम के दौरान सीएम नीतीश कुमार तब भड़क गए, जब बापू सभागार में आयोजित किसान समागम के दौरान एक अधिकारी किसानी-खेती पर व्याख्यान दे रहे थे। सीएम ने अधिकारी को लोकल भाषा में बोलने की नसीहत देते हुए लताड़ लगाई। दरअसल, वह अफसर व्याख्यान तो हिंदी में दे रहे थे, पर बीच-बीच में अंग्रेजी के शब्द भी बोल रहे थे। हालांकि सीएम के भड़कने के बाद अधिकारी ने माफी मांगी।
कृषि सुधार के लिए दिया जा रहा था सुझाव
मंगलवार को बापू सभागार में किसान समागम का कार्यक्रम चल रहा था। समागम में कृषि वैज्ञानिक और कृषि विभाग के अधिकारी खेती पर व्याख्यान दे रहे थे। किसानों को कृषि में सुधार के लिए सुझाव भी दिया जा रहा था। इसी दौरान मंच से भाषण दे रहे एक अधिकारी ने हिंदी और अंग्रेजी के शब्दों को मिलाकर व्याख्यान देना शुरु कर दिया। बस, फिर क्या था, सीएम नीतीश कुमार नाराज हो उठे। उन्होंने अफसर को मंच पर ही लताड़ लगायी। यह भी कहा कि आपको खेती पर सुझाव देने के लिए बुलाया गया है तो आप आधा अंग्रेजी बोल रहे हो। आप लोगों को अपने देश की भाषा हिंदी बोलने में शर्म आ रही है।
कहा-अपनी भाषा हिंदी में बोलिए
उन्होंने कहा कि यह ठीक नहीं है, दुनिया में एक ही भाषा सिर्फ अंग्रेजी नहीं है, जो देश पर शासन किया। अपनी भाषा हिंदी भाषा में बोलिए। व्याख्यान के दौरान अधिकारी ने बिजली फ्री देने की बात कही दी थी। फ्री शब्द पर सीएम नाराज हो गए और कहा कि मुफ्त बोलिए। जबसे कोरोना आया है, लोग मोबाइल देखकर नया नया शब्द बोल रहे हैं। यह सुनकर कार्यक्रम में मौजूद लोग हंस पड़े।
हिंदी और अंग्रेजी को मिक्स किया जा रहा
नीतीश कुमार ने कहा कि वह अंग्रेजी माध्यम से इंजीनियरिंग की पढाई किए हैं। पर जहां भी जाते हैं, वहां की स्थानीय भाषा सीखने की कोशिश करते हैं। अधिकारियों से उन्होंने कहा कि व्याख्यान में अंग्रेजी और हिंदी भाषा को मिक्स किया जा रहा है। एक ही भाषा बोलें, अंग्रेजी बोलना है तो अंग्रेजी बोले और यदि हिंदी बोलना है तो हिंदी बोले, उन्हें मिक्स न करें।