सार

जमीन के बदले नौकरी मामले में राजद सुप्रीमों लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर रही है, जो काफी चर्चा में है। दिलचस्प यह है कि जांच एजेंसियां जिन तथ्यों के आधार पर अनियमितता का दावा कर रही हैं।

पटना। जमीन के बदले नौकरी मामले में राजद सुप्रीमों लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी के खिलाफ सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच कर रही है, जो काफी चर्चा में है। दिलचस्प यह है कि जांच एजेंसियां जिन तथ्यों के आधार पर अनियमितता का दावा कर रही हैं। राज्य सभा सांसद सुशील कुमार मोदी की अक्टूबर 2018 में​ लिखी गई पुस्तक में कमोबेश वैसे ही तथ्य दर्ज हैं। किताब आनलाइन प्लेटफार्म पर भी बिक्री के लिए मौजूद है। किताब के विवरण में दर्ज डिटेल आनलाइन आसानी से पढा भी जा सकता है।

  • किताब में जिक्र है कि अपने रिश्तेदारों को भी लालू परिवार ने बेनामी संपत्ति हासिल करने का जरिया बनाया। लालू ने एमएलए, पार्षद, एमपी और मिनिस्टर बनाने के एवज में रघुनाथ झा और कांति सिंह जैसे नेताओं से जमीन गिफ्ट में लिखवा लिए।

  • यह भी जिक्र है कि काले धन को सफेद करने के लिए बीपीएल श्रेणी के ललन चौधरी और रेलवे के खलासी हृदयानंद चौधरी, भूमिहीन प्रभुनाथ यादव, चंद्रकांता देवी और सुभाष चौधरी तक से नौकरी, ठेका अथवा अन्य लाभ पहुँचाने के बदले कीमती जमीन-मकान दान के जरिए हासिल किए।
  • मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सीबीआई जांच में भी हृदयानंद और ललन चौधरी का नाम सामने आया है। इन पर लालू परिवार को वह जमीनें गिफ्ट में देने का आरोप है, जिन जमीनों के स्वामियों के परिजनों को रेलवे में नौकरी मिली।
  • यह भी है कि महुआ बाग के बृजनंदन राय ने हृदयानंद चौधरी को जमीन बेची। 2005 में पूर्व मध्य रेलवे, हाजीपुर में हृदयानंद की नियुक्ति हुई थी। उन्होंने यह जमीन लालू यादव की बेटी हेमा यादव को गिफ्ट में दे दी।
  • पहले अपनी ससुराल, बेटी के ससुराल के रिश्तेदारों के नाम से काले धन से जमीन-मकान खरीदे और बाद में पत्नी, बेटों और बेटियों के नाम गिफ्ट करवा लिये। किताब में दावा किया गया है कि करीब एक दर्जन ऐसे मामले उजागर हुए हैं, जिनमें करोड़ों की संपत्ति कौडि़यों के दाम पर लालू परिवार ने राजनेताओं, रिश्तेदारों या अपने कारिंदों से दान करवा ली।
  • लालू यादव ने आधा दर्जन से ज्यादा मुखौटा कंपनियों का इस्तेमाल किया। उसमें राबर्ट वाड्रा को भी मात कर दिया। किताब में जमीन के बदले नौकरी व अन्य अनियमितताओं की फेहरिस्त है।
  • बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने 'लालू लीला' पुस्तक लिखी। 200 पन्नों की पुस्तक का लोकार्पण अक्टूबर 2018 में लोकनायक जयप्रकाश नारायण की जयंती पर विद्यापति भवन में आयोजित कार्यक्रम में किया गया था।

  • उस समय सुशील मोदी ने लालू यादव पर घोटालों का आरोप लगाते हुए कहा था कि वह वह141 भू-खंड, 30 फ्लैट सहित कई मकान के मालिक बन गये हैं।
  • अक्‍टूबर 2018 में आयोजित लोकार्पण समारोह में तत्कालीन केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद, केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और पूर्व केंद्रीय मंत्री शाहनवाज हुसैन समेत पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारी मौजूद थे।