सार
बिहार के लोगों के लिए शुक्रवार का दिन गुड न्यूज लेकर आया। बिहार के आम आदमी और सियासत से जुड़ी यह खबर बहुत ही दिलचस्प है। राज्य में एक अप्रैल से बिजली के दामों में बढोत्तरी होने जा रही है। जाहिर सी बात है कि आम आदमी पर उसका असर पड़ता।
पटना। बिहार के लोगों के लिए शुक्रवार का दिन गुड न्यूज लेकर आया। बिहार के आम आदमी और सियासत से जुड़ी यह खबर बहुत ही दिलचस्प है। राज्य में एक अप्रैल से बिजली के दामों में बढोत्तरी होने जा रही है। जाहिर सी बात है कि आम आदमी पर उसका असर पड़ता। विपक्ष भी इसी मुद्दे को लेकर सड़क से लेकर सदन तक सरकार को घेर रहा था।
इसी बीच सीएम नीतीश कुमार ने शुक्रवार को विधानसभा में उपभोक्ताओं को बिजली की दी जाने वाली सब्सिडी की राशि बढ़ाने का ऐलान कर दिया। जानकारों का कहना है कि इसका असर यह हुआ कि आम जनता के सिर पर बिजली के बिल का बोझ नहीं बढ़ेगा, साथ ही विपक्षी खेमे के विरोध की भी हवा निकल गई। आइए इस बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
सीएम नीतीश कुमार ने सदन में दी यह जानकारी
दरअसल, सीएम नीतीश कुमार ने सदन में शुक्रवार को जानकारी देते हुए बताया कि सरकार अभी बिजली पर 8995 करोड़ रुपये की सब्सिडी दे रही है। अगले वित्तीय वर्ष में यह राशि बढ़ाई गई है। इसे 13 हजार 114 करोड़ रुपये किया गया है। बिहार कैबिनेट ने शुक्रवार को इसे मंजूरी भी दे दी। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दिनों बिजली की कीमतों में बढोत्तरी के फैसले का असर आम लोगों पर नहीं पड़ेगा। इसका खर्च सरकार वहन करेगी। हालांकि राज्य के ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव ने दो दिन पहले ऐसे ही संकेत दिए थे।
विधानसभा में भी इसी मुद्दे पर हुआ था हंगामा
आपको बता दें कि विपख इसी मुद्दे को लेकर सरकार को सड़क से लेकर सदन तक घेर रहा था। इसको लेकर विधानसभा में हंगामा भी हुआ। अब सरकार की तरफ से यह तस्वीर साफ करने के बाद कि बिजली की बढ़ी हुई कीमतों का आम लोगों पर असर नहीं पड़ेगा। विपक्ष का विरोध धराशायी हो गया है।
बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी से जुड़ी कुछ खास बातें
- एक हफ्ते पहले बिजली दरों में 24.01 फीसदी की बढ़ोतरी का हुआ था फैसला।
- फिक्स्ड चार्ज में भी दोगुना की बढ़ोतरी।
- बिजली कंपनियों ने लगभग 53 फीसदी बढ़ोतरी दिया था प्रस्ताव।
- 1 अप्रैल से लागू होनी हैं नई दरें।
- अप्रैल से बिजली का बिल डेढ़ गुना तक बढ़ने की जताई जा रही थी उम्मीद।
- अब पहले की तरह ही आएंगा बिजली का बिल।