सुपौल की पिपरा विधानसभा चुनाव 2025: जेडीयू के रामभिलाष कामत ने लगातार दूसरी जीत दर्ज की। उन्हें मिले 1,07,041 वोट। कांग्रेस प्रत्याशी अनिल कुमार को 37,776 वोटों से हराया। निर्दलीय लक्ष्मीकांत भारती 12,014 वोट पाकर तीसरे स्थान पर रहे। 

Pipra Assembly Election 2025: बिहार की पिपरा विधानसभा सीट सुपौल जिले में आती है। यह सीट 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद अस्तित्व में आई। सुपौल जिले की 5 विधानसभाओं में यह सीट राजनीतिक दृष्टि से बेहद अहम मानी जाती है। यहां पर चुनावी समीकरण जातीय गोलबंदी, लोकल मुद्दों और उम्मीदवारों के व्यक्तित्व पर टिका रहता है। पिपरा विधानसभा चुनाव 2025 में जेडीयू के रामभिलाष कामत ने दूसरी बार जीती है। उन्हें 107041 वोट मिले और उन्होंने 37776 वोटो से कांग्रेस उम्मीदवार अनिल कुमार को हराया। अनिल कुमार को 69265 वोट मिले। तीसरे स्थान पर निर्दलीय उम्मीदवार लक्ष्मीकात भारती रहे, जिन्हें 12014 वोट मिले।

पिपरा विधानसभा सीट का जातीय समीकरण और राजनीति

पिपरा विधानसभा सीट पर यादव, भूमिहार और अनुसूचित जाति के मतदाताओं का दबदबा है। 2015 में यादव वोटों के ध्रुवीकरण ने राजद को जीत दिलाई, लेकिन 2020 में जेडीयू ने एनडीए गठबंधन के सहारे जातीय समीकरण बदल डाले। 2025 में मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है-बीजेपी, जेडीयू और आरजेडी के बीच।

पिपरा विधानसभा सीट का वोटर प्रोफाइल

  • कुल मतदाता: 2,81,438
  • पुरुष मतदाता: 1,51,708
  • महिला मतदाता: 1,29,716
  • कुल बूथ: 318
  • स्थानीय भाषाएं: मैथिली, हिंदी, उर्दू और अंगिका
  • प्रखंड की जनसंख्या: 1,57,779 (39 गांव, 16 पंचायतें)

पिपरा विधानसभा चुनाव नतीजे- 2010 से अब तक

2010 पिपरा विधानसभा चुनाव

  • विजेता: सुजाता देवी (जेडीयू)- 44,883 वोट
  • उपविजेता: दीनबंधु यादव (एलजेपी)- 30,197 वोट
  • जीत का अंतर: 14,686

नोट: यह सीट 2008 में बनने के बाद पहला विधानसभा चुनाव था, जिसमें जेडीयू ने शुरुआती बढ़त बनाई।

2015 पिपरा विधानसभा चुनाव

  • विजेता: यदुवंश कुमार यादव (आरजेडी) - 85,944 वोट (54.01%)
  • उपविजेता: विश्वमोहन कुमार (भाजपा) – 49,575 वोट (31.15%)
  • जीत का अंतर: 36,369

2020 पिपरा विधानसभा चुनाव

  • विजेता: रामबिलास कामत (जेडीयू)- 82,388 वोट (45.35%)
  • उपविजेता: विश्वमोहन कुमार (आरजेडी)- 63,143 वोट (34.76%)
  • जीत का अंतर: 19,245

नोट: इससे साफ है कि पिपरा सीट पर कभी जेडीयू तो कभी आरजेडी का पलड़ा भारी रहा, लेकिन भाजपा और लोजपा भी मजबूत चुनौती पेश करती रही हैं। 2020 में यहां सबसे बड़ा फैक्टर यह रहा कि राजद का पारंपरिक वोटबैंक जेडीयू की ओर शिफ्ट हुआ, जिससे एनडीए को फायदा मिला था।

पिपरा विधानसभा सीट का जातीय और राजनीतिक समीकरण

पिपरा विधानसभा क्षेत्र में यादव, दलित और अल्पसंख्यक वोटर्स की बड़ी संख्या है। यही वजह है कि आरजेडी को यहां लगातार मजबूत पकड़ मिलती रही। हालांकि, जेडीयू ने विकास और स्थानीय नेतृत्व के दम पर कई बार जीत हासिल की।

पिपरा विधानसभा सीट का राजनीतिक सफर

  • 2010: जेडीयू की जीत (सुजाता देवी)
  • 2015: राजद की जीत (यदुवंश कुमार यादव)
  • 2020: जेडीयू की वापसी (रामबिलास कामत)

खास बात: पिछले तीन चुनावों के नतीजे बताते हैं कि पिपरा सीट पर हर बार सत्ता का पलड़ा बदलता रहा है, जिससे इसे राजनीतिक दृष्टि से बेहद दिलचस्प माना जाता है।

पिपरा विधानसभा सीट पर महिला प्रतिनिधित्व

2010 में सुजाता देवी (जेडीयू) ने इस सीट से जीत दर्ज की थी। यह सीट उन चंद विधानसभा क्षेत्रों में है जहां महिला प्रत्याशी को समर्थन मिला और उन्होंने राजनीतिक इतिहास बनाया।