Pirpainti Vidhan Sabha Chunav 2025: पीरपैंती चुनाव 2025 में BJP के मुरारी पासावन जीते। उन्होंने RJD के राम विलाश पासावन को 53107 वोटों से हराया। भागलपुर की इस आरक्षित सीट पर BJP और RJD के बीच मुख्य मुकाबला रहा है।

Pirpainti Assembly Election 2025: पीरपैंती विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी के मुरारी पासावन जीते। उन्हें 140608 वोट मिले। उन्होंने राष्ट्रीय जनता दल के राम विलाश पासावन को 53107 वोटों से हराया। पीरपैंती विधानसभा चुनाव 2025 (Pirpainti Assembly Election 2025) बिहार की सबसे अहम आरक्षित सीटों में से एक है। यह सीट भागलपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है और बिहार-झारखंड की सीमा पर स्थित है। यहां का चुनावी इतिहास उतार-चढ़ाव से भरा हुआ है। कभी वाम दल और कांग्रेस का दबदबा रहा, तो कभी राजद (RJD) ने अपनी पकड़ मजबूत की। लेकिन पिछले कुछ सालों से बीजेपी (BJP) यहां की सबसे मजबूत दावेदार बनकर उभरी है। इस सीट पर करीब 3.77 लाख मतदाता हैं। इसमें पुरुष वोटरों की संख्या 1.9 लाख से अधिक और महिला वोटरों की संख्या 1.85 लाख से ज्यादा है। जातीय समीकरण की बात करें तो यहां पासवान, दलित, पिछड़े वर्ग और यादव मतदाता निर्णायक भूमिका निभाते हैं।

पीरपैंती सीट का इतिहास और चुनावी नतीजे

  • 1. 2000 से पहले का दौर: यहां कांग्रेस और वाम दलों का दबदबा रहा। वाम दल के नेता अंबिका प्रसाद यहां से बड़े चेहरे माने जाते थे।
  • 2. 2000 में RJD की एंट्री: पहली बार 2000 में राजद (RJD) ने इस सीट पर कब्जा जमाया। शोभाकांत मंडल लगातार तीन बार यहां से विधायक बने।
  • 3. 2010 चुनाव (BJP की पहली जीत): 2010 में पहली बार BJP के अमन कुमार ने जीत दर्ज की। उन्होंने RJD के राम विलास पासवान को हराया।

2010: बीजेपी की जीत

  • BJP (अमन कुमार)- 48,493 वोट
  • RJD (राम विलास पासवान)- 42,741 वोट
  • जीत का अंतर- 5,752 वोट

2015 चुनाव (RJD की वापसी)

2015 में RJD प्रत्याशी राम विलास पासवान ने जीत दर्ज की। उन्होंने BJP के ललन कुमार को हराया।

  •  RJD- 80,058 वोट
  •  BJP - 74,914 वोट
  •  जीत का अंतर- 5,144 वोट

2020 चुनाव (BJP की वापसी)

2020 में BJP के ललन कुमार ने RJD के राम विलास पासवान को हराया।

  •  BJP- 96,229 वोट
  •  RJD- 69,210 वोट
  •  जीत का अंतर- 27,019 वोट

BJP में टिकट को लेकर उठा-पटक

2015 में टिकट कटने से नाराज होकर अमन कुमार ने बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ा था। हालांकि असर कम पड़ा और ललन कुमार जीत गए। बाद में अमन कुमार फिर से BJP में शामिल हो गए।