बिहार चुनाव में प्रशांत किशोर की भविष्यवाणी गलत साबित हुई। उन्होंने JDU के 25 से ज्यादा सीटें न जीतने का दावा किया था, लेकिन पार्टी ने 85 सीटें जीतीं। अब पटना में पोस्टर लगाकर उन्हें राजनीति से संन्यास लेने की याद दिलाई जा रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पूर्ण परिणाम सामने आते ही राज्य की राजनीति में नया विवाद उभर आया है। यह विवाद चुनाव परिणामों से ज़्यादा उन बयानों पर केंद्रित है, जो चुनाव से पहले जन सुराज पार्टी के संस्थापक और राजनीतिक रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) ने दिए थे। उन्होंने दावा किया था कि जदयू 25 से अधिक सीटों पर जीत दर्ज नहीं कर पाएगी, और यदि ऐसा हुआ तो वह ‘राजनीति से संन्यास’ ले लेंगे। अब जब जदयू ने 85 सीटों के साथ ऐतिहासिक जीत हासिल की है, प्रशांत किशोर के इस बयान को पोस्टर के माध्यम से पटना की सड़कों पर सार्वजनिक रूप से याद दिलाया जा रहा है।
पटना में पोस्टरों ने बढ़ाई चर्चा, सोशल मीडिया में भी हलचल
रविवार सुबह से ही पटना के डाकबंगला चौराहा, फ्रेजर रोड, पटेलनगर, कंकड़बाग और बुद्धा कॉलोनी समेत कई प्रमुख स्थानों पर बड़े-बड़े पोस्टर लगे दिखाई दिए, जिनमें प्रशांत किशोर की तस्वीर के साथ लिखा गया है, “जदयू 25 से ज्यादा सीटें लाई, प्रशांत किशोर ने राजनीति से लिया संन्यास”। पोस्टरों में नीचे ‘नारी शक्ति’ का नाम अंकित है। राजनीतिक हलकों में माना जा रहा है कि यह पोस्टर जदयू महिला मोर्चा द्वारा लगवाए गए हैं, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि अभी नहीं हुई है।
PK की भविष्यवाणी क्यों फेल हुई?
चुनाव से पहले दिए गए इंटरव्यू में प्रशांत किशोर ने दावा किया था कि “जदयू की राजनीतिक प्रासंगिकता खत्म हो चुकी है, और उन्हें 25 से ज्यादा सीटें नहीं मिल सकतीं।” लेकिन नतीजों में जदयू ने न केवल इस आंकड़े को पार किया, बल्कि 85 सीटें जीतकर राज्य की दूसरी सबसे बड़ी शक्तिशाली राजनीतिक ताकत के रूप में उभरी। यह भी ध्यान देने योग्य है कि जन सुराज पार्टी अपने पहले विधानसभा चुनाव में शून्य सीटों पर सिमट गई, जिसने PK की राजनीतिक एंट्री को बहुत कमजोर कर दिया।
PK की चुप्पी ने बढ़ाई सस्पेंस और सवाल
नतीजों के बाद प्रशांत किशोर ने न तो प्रेस कॉन्फ्रेंस की है और न ही सोशल मीडिया पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया दी है। यह चुप्पी कई तरह के सवाल खड़े कर रही है।
- क्या PK वाकई संन्यास लेंगे?
- क्या वह बयान केवल राजनीतिक चुनौती थी या गंभीर वचन?
- क्या PK रणनीतिकार की भूमिका में वापसी करेंगे?
- क्या वह हार की समीक्षा के बाद कोई नया राजनीतिक रोडमैप पेश करेंगे?
