Voter Rights Yatra 2025: राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा 2025 का दूसरा दिन औरंगाबाद से गया तक। राहुल ने चुनाव आयोग और BJP पर वोट चोरी का आरोप लगाया, आयोग ने सबूत या माफी मांगी। 1300Km की यात्रा 1 सितंबर को पटना रैली में खत्म होगी।
Rahul Gandhi -Tejashwi Yadav Voter Rights Yatra 2025: भारत की राजनीति इस समय एक बड़े घटनाक्रम से गुजर रही है। राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा 2025 (Voter Rights Yatra 2025) ने बिहार की सियासत को झकझोर दिया है। रविवार को सासाराम से शुरू हुई यह यात्रा अब दूसरे दिन औरंगाबाद से होकर गया (Gaya) तक पहुंच रही है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही है – क्या यह सिर्फ एक यात्रा है या आने वाले चुनावों का इशारा?

क्या वोट चोरी का आरोप बिहार की राजनीति को नया मोड़ देगा?
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने भाषणों में Election Commission और BJP पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका दावा है कि "देश में बड़ा चुनावी घोटाला चल रहा है और नागरिकों के संवैधानिक अधिकार छीने जा रहे हैं।" राहुल गांधी ने कहा कि उनसे मिलने वाले कई लोगों ने शिकायत की कि उनके नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए गए हैं। लेकिन, चुनाव आयोग ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया। आयोग ने राहुल गांधी को 7 दिन का समय दिया है कि या तो सबूत (Affidavit) पेश करें या सार्वजनिक माफी माँगें। सवाल उठता है – क्या राहुल के पास पुख्ता सबूत हैं या यह सिर्फ एक राजनीतिक रणनीति?

औरंगाबाद से गया तक क्यों खास है यात्रा का दूसरा दिन?
वोटर अधिकार यात्रा सोमवार को औरंगाबाद के देव सूर्य मंदिर से शुरू होकर अंबा और कुटुंबा से होते हुए गया जिले तक पहुँचेगी। गुरारू के खलीस पार्क में एक बड़ी सभा होगी, जहाँ राहुल और तेजस्वी स्थानीय जनता से संवाद करेंगे। यह यात्रा अभी पैदल मार्च के बजाय वाहन से की जा रही है, लेकिन दोनों नेता लगातार स्थानीय लोगों से मुलाकात कर रहे हैं। इससे यह साफ है कि यह सिर्फ एक symbolic yatra नहीं बल्कि ground connect strategy है।

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क्या INDIA गठबंधन की एकजुटता दिखाने का मंच है यह यात्रा?
यह यात्रा महज राहुल गांधी का कार्यक्रम नहीं है। इसमें तेजस्वी यादव की मौजूदगी इसे और अहम बनाती है। यह INDIA गठबंधन (INDIA Alliance) की ताकत और एकजुटता का भी संकेत माना जा रहा है। 1 सितंबर को पटना में इस यात्रा का समापन एक Grand Rally से होगा। इस रैली में INDIA गठबंधन के बड़े नेता शामिल होंगे। यह रैली क्या विपक्षी दलों के लिए 2025-26 चुनावी बिगुल साबित होगी?

क्या चुनाव आयोग और राहुल गांधी का टकराव गहराएगा?
राहुल गांधी के आरोप और आयोग की कड़ी प्रतिक्रिया ने इस बहस को और तीखा बना दिया है। अगर राहुल सबूत पेश नहीं करते तो यह उनके लिए एक political setback हो सकता है। लेकिन अगर सबूत मिलते हैं, तो यह चुनाव आयोग और बीजेपी दोनों के लिए मुश्किलें बढ़ा सकता है।

राजनीतिक नाटक या जन अधिकारों की असली लड़ाई?
Voter Rights Yatra 2025 अब सिर्फ बिहार की सड़क यात्रा नहीं रही। यह यात्रा सवालों, आरोपों और रहस्यों का कारवां बन चुकी है। क्या यह यात्रा वोटरों के अधिकार दिलाएगी, या सिर्फ एक और political show साबित होगी? आने वाले दिनों में यह साफ होगा कि राहुल-तेजस्वी की यह जुगलबंदी बिहार की राजनीति में कितना असर डाल पाती है।
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