राजा पाकार विधानसभा सीट का चुनावी इतिहास हर बार बदलता जनादेश दिखाता है। 2010 JDU, 2015 RJD और 2020 INC…अब 2025 जेडीयू से महेंद्र राम ने जीत हासिल की है।
Raja Pakar Assembly Election 2025: राजा पाकार विधानसभा सीट (Raja Pakar Vidhan Sabha Seat), पर एक बार फिर जेडीयू के खाते में आई। महेंद्र राम ने लहराया जीत का परचम।
- 2010 में जेडीयू (JDU)
- 2015 में आरजेडी (RJD)
- 2020 में कांग्रेस (INC)
यानी यह सीट पूरी तरह से “बदलते जनादेश” का प्रतीक रही है।
2020: कांग्रेस की प्रतिमा कुमारी ने किया चमत्कार
2020 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिमा कुमारी (Pratima Kumari) ने कड़ी टक्कर में महेंद्र राम (JDU) को सिर्फ 1,796 वोटों से हराया।
- प्रतिमा कुमारी (INC) - 54,299 वोट
- महेंद्र राम (JDU) - 52,503 वोट
- धनंजय कुमार (LJP)- 24,689 वोट
नोट: कांग्रेस के लिए यह जीत बेहद अहम थी क्योंकि लंबे समय बाद पार्टी ने वैशाली जिले में वापसी की थी।
2015: आरजेडी का दबदबा
2015 में आरजेडी प्रत्याशी शिवचंद्र राम (Shivchandra Ram) ने 61,251 वोट हासिल किए और रामनाथ रमन (LJP) को 15,155 वोटों के बड़े अंतर से हराया। उस समय आरजेडी को कुल 45% वोट मिले थे, जबकि एलजेपी 34% पर सिमट गई थी।
2010: जेडीयू की पहली बड़ी जीत
2010 में संजय कुमार (JDU) ने 43,212 वोट हासिल कर जीत दर्ज की थी। उन्होंने गौरीशंकर पासवान (LJP) को लगभग 10,000 वोटों से हराया। यह जीत नीतीश कुमार की “सशक्त जेडीयू लहर” का हिस्सा थी।
जातीय समीकरण: कौन बनेगा निर्णायक?
राजा पाकड़ विधानसभा की कुल आबादी करीब 2.62 लाख वोटर है।
- पुरुष वोटर- 54.1%
- महिला वोटर- 45.8%
- अनुसूचित जाति (SC) की आबादी सबसे अधिक
नोट: यही वजह है कि दलित और महादलित समुदाय के वोट बैंक को साधना किसी भी उम्मीदवार के लिए निर्णायक साबित होता है।
प्रत्याशियों की प्रोफाइल और विवाद
- 1. प्रतिमा कुमारी (INC): शिक्षा में स्नातक, राजनीति में सक्रिय महिला चेहरा।
- 2. शिवचंद्र राम (RJD): अनुभवी नेता, पिछली जीत से क्षेत्र में मजबूत पकड़।
- 3. महेंद्र राम (JDU) : 2020 में हार के बावजूद अब भी संगठन में प्रभावी।
नोट: अब तक इन प्रत्याशियों के खिलाफ कोई बड़ा आपराधिक मामला दर्ज नहीं हुआ है, लेकिन जातीय आधार और गठबंधन समीकरण ही यहां की राजनीति की दिशा तय करते हैं।
