बिहार चुनाव में छपरा सीट पर BJP की छोटी कुमारी ने RJD के सुपरस्टार खेसारी लाल यादव को 7,600 वोटों से हराया। यह इस सीट पर BJP की लगातार चौथी जीत है। इस परिणाम ने स्टारडम पर जमीनी राजनीति की विजय साबित की।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का एक सबसे रोमांचक और चौंकाने वाला परिणाम छपरा विधानसभा सीट से सामने आया है। यहाँ भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के प्रत्याशी खेसारी लाल यादव को भारतीय जनता पार्टी (BJP) की नई चेहरा छोटी कुमारी ने करारी शिकस्त दी है। छोटी कुमारी ने खेसारी लाल यादव को 7,600 वोटों के अंतर से हराकर न सिर्फ जीत दर्ज की, बल्कि बीजेपी के लिए इस सीट को लगातार चौथी बार बरकरार रखते हुए इतिहास रच दिया।
स्टारडम Vs जमीनी पहचान
खेसारी लाल यादव ने जब छपरा सीट से नामांकन दाखिल किया था, तभी से यह सीट सुर्खियों में आ गई थी। माना जा रहा था कि उनके विशाल स्टारडम और युवा अपील के सामने बीजेपी की जमीनी राजनीति फीकी पड़ जाएगी। हालाँकि, परिणाम ने साबित कर दिया कि बिहार की राजनीति में व्यक्तिगत करिश्मा, पारंपरिक आधार और जमीनी संपर्क से जीतना आसान नहीं है।
जीत का अंतर
छोटी कुमारी ने खेसारी लाल यादव को 7,600 वोटों के अंतर से हराया। छपरा सीट पिछले 20 वर्षों से बीजेपी का गढ़ मानी जाती है। छोटी कुमारी को पार्टी के पारंपरिक वोट बैंक और मजबूत संगठन का लाभ मिला।
कौन हैं छोटी कुमारी?
छपरा में सुपरस्टार को हराने वाली छोटी कुमारी अचानक राष्ट्रीय सुर्खियों में आ गई हैं। 35 वर्षीय छोटी कुमारी राजनीति में नई नहीं हैं। वह पूर्व में जिला परिषद अध्यक्ष रह चुकी हैं और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में सक्रिय रही हैं। वह 12वीं पास हैं और उनकी कुल संपत्ति करीब 1.4 करोड़ रुपये है।
बीजेपी ने इस बार तीन बार के विधायक डॉ. सी.एन. गुप्ता का टिकट काटकर छोटी कुमारी पर दांव लगाया था, जिसके कारण उन्हें पार्टी के भीतर भी विरोध का सामना करना पड़ा था, बावजूद इसके उन्होंने यह सीट जीत ली।
हार के बाद खेसारी का इमोशनल पोस्ट
हार के बाद, खेसारी लाल यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट 'एक्स' पर एक भावुक पोस्ट साझा किया, जिसमें उन्होंने हार को स्वीकार किया और जनता के प्रति आभार व्यक्त किया। खेसारी लाल यादव ने लिखा, "क्या हार में क्या जीत में, किंचित नहीं भयभीत मैं, संघर्ष पथ पर जो मिला, ये भी सही वो भी सही… जनता मेरे लिए तब भी सर्वोपरि थी, आज भी है और हमेशा रहेगी! मुद्दा तब भी उठल बा, आगे भी उठी…जय बिहार!"
खेसारी के इस पोस्ट ने यह स्पष्ट कर दिया कि वह अपनी हार को स्वीकार करते हुए भी भविष्य में बिहार की राजनीति में सक्रिय रहने के संकेत दे रहे हैं। इस परिणाम ने यह साबित कर दिया है कि बिहार के मतदाता स्टार पावर के बजाय विकास, पारंपरिक आधार और राजनीतिक स्थिरता को अधिक महत्व देते हैं।
