लालू यादव की बेटी रोहिणी आचार्या ने पिता को किडनी दान कर सुर्खियां बटोरीं। सिंगापुर में रहने के बावजूद, वह सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। उन्होंने 2024 में सारण से लोकसभा चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं।

आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्या हाल के वर्षों में राजनीति, सोशल मीडिया और पारिवारिक विवादों के कारण लगातार सुर्खियों में रहा नाम है। सिंगापुर में सेटल होने के बावजूद उनकी राजनीतिक सक्रियता और बेबाक सोशल मीडिया पोस्ट ने उन्हें बिहार की राजनीति में अलग पहचान दिलाई। एक दौर में उन्होंने पिता की जान बचाने के लिए अपनी किडनी तक दान कर दी, जिसके बाद लोग उन्हें “रियल लाइफ शेरनी बेटी” कहकर सम्मानित करने लगे।

शुरुआती जीवन और ‘आचार्या’ सरनेम की अनोखी कहानी

1 जून 1979 को पटना में जन्मी रोहिणी का सरनेम ‘यादव’ नहीं, ‘आचार्या’ है, और इसके पीछे एक भावुक किस्सा जुड़ा है। उनका जन्म डॉ. कमला अचारी के नर्सिंग होम में हुआ था। फीस लेने के बजाय डॉक्टर ने लालू प्रसाद से कहा कि वह अपनी इस बेटी को उनका सरनेम दे दें। इसके बाद रोहिणी का नाम रोहिणी आचार्या रखा गया।

MBBS की पढ़ाई और विदेश में जीवन

रोहिणी ने जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज से 1998 में MBBS किया। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने डॉक्टर के रूप में प्रैक्टिस नहीं की। 2002 में उनकी शादी समरेश सिंह से हुई, जो सिंगापुर में आईटी सेक्टर में कार्यरत हैं। दोनों के तीन बच्चे हैं और परिवार सिंगापुर में स्थायी रूप से रहता है।

पिता को किडनी दान कर बनीं मिसाल

दिसंबर 2022 में सिंगापुर के Mount Elizabeth Hospital में रोहिणी ने अपने पिता को किडनी दान की। इस फैसले ने न सिर्फ परिवार बल्कि पूरे देश को भावुक कर दिया। इसके बाद उनकी इमेज भावनात्मक, त्यागपूर्ण और मजबूत महिला नेता जैसी बन गई।

सोशल मीडिया पर तेज, जवाब और विवाद

रोहिणी सोशल मीडिया पर हमेशा एक्टिव रहती हैं और विरोधियों को तीखे शब्दों में जवाब देने के लिए जानी जाती हैं। उनके पोस्ट अक्सर ट्रेंड में रहते हैं, कभी पारिवारिक मुद्दों, कभी राजनीतिक बयानबाजी के कारण। सुशील कुमार मोदी पर किए गए पोस्ट के चलते कभी उनका ट्विटर अकाउंट अस्थायी रूप से लॉक भी हुआ था।

राजनीतिक सफर और चुनावी परिणाम

2024 लोकसभा चुनाव में रोहिणी आचार्या को आरजेडी ने परंपरागत सीट सारण से उम्मीदवार बनाया। उन्होंने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोंक दी और पिता भी मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें जीत नहीं मिली। राजीव प्रताप रूड़ी ने लगातार तीसरी बार यह सीट अपने नाम कर ली। हार के बाद भी रोहिणी के बयान ने दिखाया कि वह लॉन्ग-टर्म पॉलिटिक्स की तैयारी कर चुकी हैं। उन्होंने कहा था, "हार सोच पर निर्भर होती है… पहली बाधा से विचलित नहीं, अभी और ऊंची उड़ान बाकी है।"

रोहिणी आचार्या की संपत्ति

2024 के हलफनामे के अनुसार रोहिणी के पास 15.82 करोड़ रुपये की संपत्ति, पति समरेश सिंह की संपत्ति 19.86 करोड़ रुपये, संयुक्त कुल संपत्ति 35 करोड़ रुपये से अधिक है। इसमें नकद, ज्वेलरी, अचल संपत्ति और विदेशी संपत्ति तक शामिल है।