बिहार चुनाव 2025 से पहले नीतीश कुमार का बड़ा ऐलान। ग्राम कचहरी सचिवों का मानदेय 6,000 से बढ़ाकर 9,000 और होमगार्डों का दैनिक भत्ता 774 से बढ़ाकर 1,121 रुपये कर दिया गया है। इस कदम से 1.3 लाख से ज़्यादा कर्मचारियों को राहत मिलेगी।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बड़ी घोषणा करके राज्य के हजारों ग्राम कचहरी सचिवों और होमगार्ड जवानों को खुशखबरी दी है। मंगलवार को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 48 एजेंडों पर मुहर लगी, जिसमें सबसे अहम निर्णय वेतन-मानदेय बढ़ाने का रहा। कैबिनेट बैठक में ग्राम कचहरी सचिवों का मासिक मानदेय 6,000 रुपये से बढ़ाकर 9,000 रुपये करने की मंजूरी दी गई है। यह वृद्धि 1 जुलाई 2025 के प्रभाव से लागू होगी। वहीं, बिहार गृह रक्षा वाहिनी (होमगार्ड) के जवानों के कर्तव्य भत्ते में भी महत्वपूर्ण बढ़ोतरी की गई है।

होमगार्ड को मिली बड़ी राहत

गृह विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार, बिहार गृह रक्षा वाहिनी के गृह रक्षकों का कर्तव्य भत्ता/प्रशिक्षण भत्ता 774 रुपये प्रत्येक कार्य दिवस से बढ़ाकर 1,121 रुपये प्रति दिन कर दिया गया है। यह वृद्धि बिहार सरकार में कार्यरत पुलिस के एक दिन के न्यूनतम वेतन के अनुरूप तय की गई है। इससे होमगार्ड जवानों की दैनिक आय में 347 रुपये की बढ़ोतरी हुई है।

ग्राम कचहरी सचिवों की लंबी मांग पूरी

ग्राम कचहरी सचिव लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की मांग कर रहे थे। उनका मासिक मानदेय 6,000 रुपये था, जो अब बढ़कर 9,000 रुपये हो गया है। यह 50% की वृद्धि है, जो इन कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत साबित होगी। ग्राम कचहरी सचिव ग्रामीण न्याय प्रणाली की रीढ़ माने जाते हैं और उनकी भूमिका गांवों में शांति-व्यवस्था बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण है।

चुनावी संदर्भ में महत्वपूर्ण कदम

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि चुनाव से पहले यह घोषणा एनडीए सरकार की रणनीतिक चाल हो सकती है। ग्राम कचहरी सचिव और होमगार्ड जवान ग्रामीण क्षेत्रों में काम करते हैं और उनका प्रभाव व्यापक होता है। इन कर्मचारियों की संतुष्टि से न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी, बल्कि चुनावी नतीजों पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

इस निर्णय से राज्य सरकार के खजाने पर अतिरिक्त बोझ पड़ेगा, लेकिन सरकार ने इसे जनहित में लिया गया निर्णय बताया है। अधिकारियों के अनुसार, यह वृद्धि करीब 50,000 ग्राम कचहरी सचिवों और लगभग 80,000 होमगार्ड जवानों को लाभान्वित करेगी। यह निर्णय न केवल कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति सुधारेगा, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी सकारात्मक प्रभाव डालेगा, क्योंकि यह अतिरिक्त आय सीधे स्थानीय बाजार में खर्च होगी।