समस्तीपुर विधानसभा चुनाव 2025: जीत का मार्जिन सिर्फ वोटों का नहीं, बल्कि रणनीति, जातीय समीकरण और बूथ मैनेजमेंट का भी है। क्या RJD बचा पाएगी अपना गढ़, या चुनावी सस्पेंस सबको चौंका देगा?
Samastipur Assembly Election 2025: समस्तीपुर विधानसभा सीट बिहार के समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है और इसे लंबे समय से राजद का गढ़ माना जाता है। यहां पर बीते 15 वर्षों से अख्तरुल इस्लाम शाहिन का कब्जा है। इस सीट पर राजद और जदयू के बीच हमेशा ही कड़ा मुकाबला रहा है। 2025 का चुनाव तेजस्वी यादव के लिए यह तय करेगा कि क्या राजद अपने मजबूत किले को बचा पाएगा या जदयू/बीजेपी नई चुनौती पेश करेगी।
समस्तीपुर विधानसभा सीट के चुनावी आंकड़े और वोटिंग पैटर्न
2010 के समस्तीपुर विधानसभा चुनाव
- अख्तरुल इस्लाम शाहिन (RJD) - 42,852 वोट (37%)
- रामनाथ ठाकुर (JD(U)) - 41,025 वोट (35%)
- वोट मार्जिन: 1,827 वोट
नोट: सीट पर राजद ने पहली बार अपने मजबूत पकड़ का प्रदर्शन किया।
2015 के समस्तीपुर विधानसभा चुनाव
- अख्तरुल इस्लाम शाहिन (RJD) - 82,508 वोट (55%)
- रेणु कुमारी (BJP) - 51,428 वोट (34%)
- वोट मार्जिन: 31,080 वोट
नोट: राजद ने यहां दबदबा बनाए रखा और जीत का अंतर और मजबूत हुआ।
2020 के समस्तीपुर विधानसभा चुनाव
- अख्तरुल इस्लाम शाहिन (RJD) - 68,507 वोट (41.21%)
- अश्वमेध देवी (JD(U))- 63,793 वोट (38.37%)
- वोट मार्जिन: 4,714 वोट
नोट: इस बार मुकाबला बहुत ही कांटे का और सस्पेंसेफुल रहा।
नोट: अख्तरुल इस्लाम शाहिन पर पांच आपराधिक केस हैं। करीब 68 लाख की संपत्ति के मालिक इस आरजेडी नेता की शैक्षिक योग्यता 12वीं पास की है।
समस्तीपुर विधानसभा सीट का इतिहास और जातीय समीकरण
- समस्तीपुर सीट लालू यादव और राजद के लिए पारंपरिक किला रही है।
- यहां की जातीय संरचना में यादव, मुस्लिम और दलित समुदाय निर्णायक भूमिका निभाते हैं।
- Yadav-Muslim समीकरण हमेशा RJD के पक्ष में रहा है, लेकिन जदयू/बीजेपी की नई रणनीति इसे चुनौती दे सकती है।
- बूथ मैनेजमेंट, प्रत्याशियों की छवि और स्थानीय नेटवर्क हमेशा परिणाम को प्रभावित करते रहे हैं।
प्रत्याशी प्रोफाइल और आपराधिक रिकॉर्ड
- अख्तरुल इस्लाम शाहिन (RJD): लगातार तीन बार विजेता, अनुभव और मजबूत जनाधार।
- अश्वमेध देवी (JD(U)): पूर्व मंत्री की भूमिका, स्थानीय प्रभाव।
- रेणु कुमारी (BJP): 2015 में दूसरे स्थान पर रही।
समस्तीपुर विधानसभा चुनाव में बूथ मैनेजमेंट और रणनीति
- RJD ने तीन प्रमुख विधानसभा क्षेत्रों में मजबूत बूथ मैनेजमेंट किया।
- जदयू और बीजेपी ने नए वोटरों और युवा मतदाताओं को जोड़ने पर जोर दिया।
- यह सीट हमेशा सस्पेंसेफुल और कड़ी टक्कर वाली रही है।
