बिहार चुनाव 2025 में वैशाली जिला मतगणना का केंद्र है। तेजस्वी यादव (राघोपुर) और तेज प्रताप (महुआ) की सीटों के कारण, गिनती दो अलग केंद्रों में होगी। राघोपुर की गिनती ITI हाजीपुर और महुआ की RN कॉलेज में होगी, ताकि सुरक्षा व पारदर्शिता बनी रहे।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की मतगणना को लेकर वैशाली जिला इस बार पूरे राज्य का केंद्रबिंदु बन गया है। इसकी वजह है जिले की दो हाई-प्रोफाइल सीटें राघोपुर और महुआ, जहाँ राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव और जनशक्ति जनता दल (JJD) के अध्यक्ष तेज प्रताप यादव मैदान में हैं। निर्वाचन आयोग ने इन दोनों सीटों की मतगणना के लिए इस बार खास व्यवस्था की है। दोनों की गिनती अलग-अलग केंद्रों पर होगी।
राघोपुर की गिनती होगी ITI हाजीपुर में
तेजस्वी यादव की परंपरागत सीट राघोपुर की मतगणना हाजीपुर के ITI प्रशिक्षण संस्थान में कराई जाएगी। इस केंद्र पर राघोपुर के अलावा हाजीपुर और पातेपुर विधानसभा सीटों के मतों की गिनती भी होगी। आयोग के अनुसार, ITI परिसर को इसलिए चुना गया है क्योंकि यहां पर्याप्त जगह, पार्किंग और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जा सकती है। राघोपुर सीट पर तेजस्वी यादव के मुकाबले में एनडीए और निर्दलीय प्रत्याशियों के बीच भी जोरदार मुकाबला माना जा रहा है। मतगणना के दौरान इस केंद्र पर विशेष सुरक्षा बलों की तैनाती की जाएगी, ताकि हर चरण पारदर्शी और शांतिपूर्ण माहौल में पूरा हो सके।
महुआ की गिनती होगी RN कॉलेज, हाजीपुर में
वहीं, तेज प्रताप यादव की महुआ विधानसभा सीट की मतगणना आरएन कॉलेज (RN College), हाजीपुर में होगी। इस केंद्र पर महुआ के साथ महनार, लालगंज, वैशाली और राजापाकर सीटों के मत भी गिने जाएंगे। लोकसभा चुनाव के दौरान हाजीपुर क्षेत्र के सभी विधानसभा मतों की गिनती इसी RN कॉलेज में होती थी, लेकिन इस बार जगह की कमी और सुरक्षा कारणों को देखते हुए निर्वाचन आयोग ने मतगणना केंद्रों को दो हिस्सों में विभाजित किया है।
वैशाली में दो केंद्र क्यों बनाए गए?
वैशाली जिले में कुल 8 विधानसभा सीटें हैं। सामान्य तौर पर एक ही मतगणना केंद्र से काम चल जाता था, लेकिन इस बार प्रशासन ने मतगणना कर्मियों, प्रत्याशियों और एजेंटों की अधिक संख्या को देखते हुए दो अलग केंद्र बनाए हैं। सूत्रों के अनुसार, RN कॉलेज में जगह सीमित है और पिछले चुनावों में मतगणना के दौरान भीड़ और असुविधा की शिकायतें आई थीं। इसलिए, आयोग ने पहली बार ITI हाजीपुर को एक वैकल्पिक केंद्र के रूप में चुना है। इसके अलावा, दोनों यादव भाइयों की सीटें राज्य की सबसे चर्चित सीटों में हैं, इसलिए पारदर्शिता और सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं लिया गया है।
सुरक्षा और निगरानी की विशेष व्यवस्था
दोनों मतगणना केंद्रों पर CCTV कैमरे, प्रवेश पास व्यवस्था, और मल्टी-लेयर सुरक्षा घेरा बनाया गया है। हर मतगणना टेबल पर कैमरे से लाइव मॉनिटरिंग की जाएगी, ताकि किसी भी गड़बड़ी की गुंजाइश न रहे। मतगणना के दौरान जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक दोनों केंद्रों की निगरानी करेंगे, जबकि राज्य निर्वाचन आयोग ने हाजीपुर में विशेष पर्यवेक्षक भी तैनात किए हैं।
सबकी निगाहें दो भाइयों पर
तेजस्वी यादव और तेज प्रताप यादव दोनों ही सीटें न सिर्फ राजनीतिक रूप से बल्कि भावनात्मक रूप से भी RJD और JJD के लिए बेहद अहम हैं। राघोपुर से तेजस्वी यादव लगातार तीसरी बार किस्मत आज़मा रहे हैं, जबकि महुआ से तेज प्रताप यादव ने इस बार अपनी नई पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा है। दोनों सीटों के परिणाम से न सिर्फ बिहार की राजनीति का रुख तय होगा, बल्कि यादव परिवार की अगली राजनीतिक दिशा पर भी असर पड़ेगा।
नतीजों से तय होगा बिहार का ‘पॉलिटिकल बैलेंस’
वैशाली के ये दोनों केंद्र अब बिहार की राजनीति का फोकस प्वाइंट बन चुके हैं। यहां से निकलने वाले परिणाम तय करेंगे कि यादव परिवार की राजनीति में कौन आगे रहेगा। तेजस्वी की परंपरा या तेज प्रताप की नई राह। मतगणना 14 नवंबर को सुबह 8 बजे शुरू होगी और आयोग ने साफ किया है कि परिणाम घोषित होने तक दोनों केंद्रों की लाइव निगरानी की जाएगी।
