बिहार चुनाव 2025 के पहले चरण में तेजस्वी यादव 'प्रचार मैराथन मैन' बनकर उभरे हैं। उन्होंने रिकॉर्ड 83 सभाएं कीं, जबकि नीतीश कुमार ने 60 और पीएम मोदी ने 15 रैलियां कीं। यह उनकी व्यापक जन-पहुंच और सक्रियता को दर्शाता है।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के पहले चरण का प्रचार थमते ही, प्रचार की तीव्रता और नेताओं की सक्रियता के आंकड़े सामने आए हैं। इन आंकड़ों ने एक नाम को सबसे ऊपर लाकर खड़ा कर दिया है: राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता और महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव।
तेजस्वी यादव ने सबसे कम समय में सबसे अधिक चुनावी सभाएँ करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है। पहले चरण के लिए, उन्होंने अकेले 83 रैलियाँ और रोड शो किए, जो उन्हें बिहार चुनाव 2025 का 'प्रचार मैराथन मैन' बनाता है।
किसने कितनी सभाएं की
पहले चरण में तेजस्वी यादव ने महागठबंधन (RJD) की ओर से कुल 83 सभाएं और रोड शो किए हैं, जो सबसे कम समय में सबसे अधिक रैलियों का रिकॉर्ड है। वहीं, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एनडीए (JDU) की ओर से 60 सभाएं की हैं और चुनावी घोषणा से पहले भी एक दौर पूरा कर चुके हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो राष्ट्रीय नेतृत्व की ओर से सबसे अधिक सक्रिय हैं, एनडीए (BJP) की तरफ से 15 सभाएं और 1 रोड शो कर चुके हैं। कांग्रेस के राहुल और प्रियंका गांधी ने महागठबंधन की ओर से 15 सभाएं की हैं, जो राष्ट्रीय स्तर पर पीएम मोदी के बराबर मानी जाती हैं।
क्यों खास है तेजस्वी का 83 का आंकड़ा?
- समय की बचत: तेजस्वी यादव ने हर दिन औसतन 10 से 12 सभाओं को संबोधित किया। यह उनकी युवा ऊर्जा और त्वरित हेलीकॉप्टर/सड़क यात्रा प्रबंधन को दर्शाता है।
- सीधा संवाद: इतनी बड़ी संख्या में सभाएँ करने का सीधा अर्थ है कि उन्होंने पहले चरण की अधिकांश सीटों पर सीधे जनता से संवाद स्थापित किया, जिससे स्थानीय मुद्दों को बड़े मंच पर उठाने का मौका मिला।
- यूथ अपील: यह रिकॉर्ड तोड़ प्रचार उनकी जन-आधारित अपील और युवा शक्ति को ज़मीन पर उतारने के प्रयास को मज़बूती देता है।
आखिरी दिन लालू यादव ने भी किया रोड शो
प्रचार के अंतिम दिन, आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने भी फुलवारी शरीफ में 5 किलोमीटर का रोड शो किया। तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन के इस रिकॉर्ड तोड़ प्रचार ने यह साबित कर दिया है कि पहले चरण के मतदान से पहले उसने अपनी पूरी शक्ति झोंक दी है। अब देखना यह है कि यह 'प्रचार मैराथन' मतदान के दिन कितना असर दिखाता है।
