तेजस्वी यादव ने 2 अक्टूबर 2023 को बिहार में जातीय सर्वेक्षण रिपोर्ट जारी करने को याद किया। उन्होंने भाजपा-RSS पर हमला बोलते हुए देशव्यापी जातीय जनगणना की मांग की। 

पटनाः बिहार और देश की राजनीति में राजद नेता तेजस्वी यादव ने एक बार फिर अपने तेवर दिखाए हैं। सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म X पर साझा किए गए अपने हालिया पोस्ट में तेजस्वी यादव ने 2 अक्टूबर 2023 के ऐतिहासिक दिन को याद किया और बताया ये दिन उनके लिए क्यों खास है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा और आरएसएस पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि इस दिन उन्होंने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री के तौर पर बिहार में दशकों पुराने जातिगत जनगणना के संकल्प को पूरा कर देश में जातीय सर्वेक्षण करवाया और रिपोर्ट प्रकाशित की।

2 अक्टूबर का ऐतिहासिक दिन

तेजस्वी ने पोस्ट में लिखा कि 2 अक्टूबर 2023 उनके लिए इसलिए खास है क्योंकि उन्होंने उस दिन बिहार में जातीय जनगणना के माध्यम से समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के आंकड़ों को सामने लाया। उन्होंने इस अवसर का हवाला देते हुए कहा कि उनकी कोशिशों ने पूरे देश में जातीय जनगणना करवाने की मांग को मजबूती दी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई केवल बिहार तक सीमित नहीं है, बल्कि अब उनका लक्ष्य पूरे देश में जातीय जनगणना कराना और इसके आधार पर सभी सामाजिक वर्गों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है।

भाजपा और आरएसएस पर करारा हमला

तेजस्वी ने सीधे तौर पर भाजपा और आरएसएस को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि ये संगठन दिन-रात जातीय जनगणना की खामियों और विरोध के बयान देते रहे, लेकिन उनकी कोशिशों और दबाव के कारण ही पूरे देश में जातीय जनगणना करवाने की घोषणा हो सकी।

तेजस्वी ने लिखा, "हमारे संघर्ष ने इस अड़ियल सरकार को झुका दिया। भाजपा और आरएसएस वाले लोग, जो जातीय जनगणना की खामियों का विरोध करते थे, उनसे ही हमने पूरे देश में इसे लागू कराने की घोषणा करवा दी। हालांकि, उनकी मंशा और क्रियान्वयन पर संदेह है।"

आरक्षण और दलित-पिछड़ा वर्ग पर असर

तेजस्वी ने डबल इंजन सरकार के आरक्षण विरोधी कदम पर भी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने हमारी रिपोर्ट के आधार पर बढ़ाए गए 65% आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में शामिल नहीं किया, जिससे दलित, पिछड़े, अतिपिछड़े और आदिवासी वर्गों के अधिकारों पर हमला हुआ। तेजस्वी ने कहा कि इस कदम के कारण लाखों नौकरियों का नुकसान हो रहा है।

तेजस्वी की जारी लड़ाई

तेजस्वी यादव ने स्पष्ट किया कि उनकी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक आबादी के अनुपात में हिस्सेदारी और सामाजिक न्याय सुनिश्चित नहीं हो जाता। उन्होंने कहा कि आरक्षण का दायरा 50% की सीमा तक नहीं पहुंचना चाहिए, ताकि पिछड़े, दलित, वंचित और गरीब वर्ग सक्षम, शिक्षित और आर्थिक रूप से न्याय पा सकें। तेजस्वी ने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा, "आर्थिक और सामाजिक न्याय के लिए हमें आप सबके साथ की जरूरत है। हमारी लड़ाई रुकने वाली नहीं है।"