Bihar voter list controversy 2025: तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग पर वोटर लिस्ट में गड़बड़ी का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बीजेपी के इशारे पर दलित-पिछड़े-अतिपिछड़े और अल्पसंख्यकों के वोट काटे जा रहे हैं।
Tejashwi Yadav On Election Commission: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले वोटर लिस्ट पर सियासी जंग देखने को मिल रही है। राज्य के मतदाताओं की पहचान के लिए चुनाव आयोग वोटर लिस्ट को दुरुस्त करने में जुटा है। मतदाता सूची विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर 2025) चुनाव आयोग ने रविवार (06 जुलाई) को साफ तौर पर कहा है कि 24 जून को जारी विस्तृत दिशा-निर्देशों में कोई संशोधन या बदलाव नहीं किया गया है। हालांकि, इसके बाद भी विपक्ष संतुष्ट नहीं है। नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इसे 'वोटबंदी' करार दिया है। उनका कहना है कि बीजेपी के इशारे पर बिहार के दलित-पिछड़े-अतिपिछड़े और अल्पसंख्यकों के वोट काटने के साथ-साथ फर्जी वोट जोड़ने का खेल शुरू हो गया है। इसे रोकने के लिए आरजेडी और टीएमसी सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच गई है।
तेजस्वी यादव ने फिर चुनाव आयोग को घेरा
इस बीच तेजस्वी यादव ने एक बार फिर चुनाव आयोग पर बड़ा हमला बोला है। तेजस्वी ने सोमवार (7 जुलाई) को महागठबंधन की संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा कि हमने 5 जुलाई को चुनाव आयोग को संयुक्त रूप से एक प्रतिनिधिमंडल सौंपा था, लेकिन चुनाव आयोग ने इसका कोई जवाब नहीं दिया। तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग बहुत भ्रमित है। चुनाव आयोग ने एक दिन में तीन दिशा-निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने पूछा कि क्या यह जनता के कल्याण के लिए है या यह एक सोची-समझी रणनीति है?
'एक दिन में तीन दिशा-निर्देश'
नेता प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग अपने विज्ञापनों और आदेशों में विरोधाभास पैदा कर रहा है। तेजस्वी ने कहा कि चुनाव आयोग ने सबसे पहले 6 जुलाई को फेसबुक पर पोस्ट किया कि दस्तावेज बाद में जमा किए जा सकते हैं। ठीक एक घंटे बाद दूसरी पोस्ट में कहा गया कि दस्तावेज 25 जुलाई तक जमा करने होंगे। उन्होंने कहा कि इससे लाखों मतदाताओं में काफी भ्रम की स्थिति पैदा हो गई है। तेजस्वी ने यह भी पूछा कि जब आधार कार्ड अभी भी फॉर्म-6 में शामिल है, तो बिहार में इसे बाहर क्यों रखा गया? क्या आधार कार्ड सिर्फ बिहार में ही नहीं, बल्कि दूसरे राज्यों में भी मान्य है? तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग की पारदर्शिता पर सवाल उठाते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की और कहा कि अगर चुनाव आयोग का फैसला सही है तो वह सिर्फ सोशल मीडिया पर ही क्यों पोस्ट कर रहा है, आधिकारिक आदेश क्यों नहीं जारी कर रहा है?
'चुनाव आयोग के पास कोई योजना'
उन्होंने कहा कि बिहार से बाहर काम कर रहे प्रवासी मजदूरों के लिए चुनाव आयोग के पास कोई योजना नहीं है। उन्होंने पूछा कि क्या वोटर लिस्ट से उनका नाम हटाना ही एकमात्र उपाय है? तेजस्वी यादव ने मांग की कि चुनाव आयोग को इस प्रक्रिया पर तुरंत रोक लगानी चाहिए और चुनाव के बाद इसे शुरू करना चाहिए, ताकि लोकतंत्र की गरिमा और जनता का भरोसा बना रहे। उन्होंने बताया कि इस मुद्दे को लेकर कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया गया है। वहीं, इस मुद्दे को लेकर महागठबंधन ने 09 जुलाई को पूरे बिहार में सड़क जाम करने का फैसला किया है। इसमें कांग्रेस सांसद राहुल गांधी भी शामिल होंगे।
