बिहार चुनाव में हार की समीक्षा के लिए हुई RJD की बैठक में तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष चुना गया। विधायकों ने चुनाव में गड़बड़ी का आरोप लगाया और नतीजों को कोर्ट में चुनौती देने पर भी चर्चा की।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनता दल (RJD) को मिली करारी हार के तीन दिन बाद, पार्टी ने हार की समीक्षा और आगे की रणनीति तय करने के लिए सोमवार को विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक में तेजस्वी यादव को सर्वसम्मति से नेता प्रतिपक्ष चुना गया है। पटना स्थित तेजस्वी के सरकारी आवास (पोलो रोड) पर हुई इस बैठक में जीते और हारे दोनों विधायकों को बुलाया गया था। इस दौरान पार्टी सुप्रीमो लालू प्रसाद, पूर्व सीएम राबड़ी देवी, मीसा भारती और वरिष्ठ नेता जगदानंद समेत सभी सीनियर नेता मौजूद थे।

4 घंटे चली हार की समीक्षा

करीब 4 घंटे तक चली इस बैठक में मुख्य रूप से चुनाव में हुई हार की समीक्षा की गई। पार्टी सूत्रों के अनुसार, तेजस्वी यादव ने प्रत्येक उम्मीदवार से फीडबैक लिया ताकि यह समझा जा सके कि जमीनी स्तर पर क्या गलत हुआ। बैठक में चुनावी हार के पीछे स्थानीय असंतोष, संगठनात्मक राजनीति में कमजोरी, बूथ मैनेजमेंट की कमी और चुनावी मुद्दों को सही तरीके से जनता तक न पहुंचा पाने जैसी संभावित वजहों पर विस्तार से चर्चा हुई। RJD विधायक रामानुज यादव ने बताया कि मीटिंग में मेन टू मेन टॉक हुआ, हार की समीक्षा की गई और तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष चुना गया।

RJD विधायकों ने लगाए गड़बड़ी के आरोप

बैठक में कई विधायकों ने चुनाव परिणामों को लेकर गड़बड़ी के गंभीर आरोप लगाए। विधायक आलोक मेहता ने कहा, "चुनाव में गड़बड़ी हुई है, इसलिए इस तरह का रिजल्ट आया है।"

मटिहानी से जीतकर आए RJD के विधायक बोगो सिंह ने चुनाव के दौरान ₹10-10 हजार दिए जाने पर सवाल उठाते हुए कहा, "NDA की जमीन खिसक चुकी थी। उन्होंने जीविका दीदियों का वोट खरीदा है।"

कोर्ट जाने पर हुई चर्चा

पार्टी सूत्रों के अनुसार, बैठक में हार के नतीजों को कोर्ट में चुनौती देने पर भी गंभीर चर्चा हुई। RJD नेताओं ने इस बात पर जोर दिया कि परिणाम को लेकर महागठबंधन के अन्य सहयोगी दलों की भी राय ली जाएगी ताकि संयुक्त रूप से आगे की रणनीति तय की जा सके। तेजस्वी यादव को नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के बाद, राजद अब सड़क और सदन दोनों जगह से नई सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गई है।