पटना में आयोजित परिसीमन महारैली में उपेन्द्र कुशवाहा ने तेजस्वी के डांस पर तंज कसा, साथ ही 2026 में होने वाले परिसीमन को लेकर बिहार के लिए 20 और लोकसभा सीटों की मांग की।
पटनाः राष्ट्रीय लोक मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने पटना में आयोजित "संवैधानिक अधिकार-परिसीमन सुधार महारैली" में राजद नेता तेजस्वी यादव पर हमला बोलते हुए कहा कि गंगा किनारे नाचने से कोई मुख्यमंत्री नहीं बनता। अगर ऐसा होता तो देश का सबसे बड़ा नाचने वाला भारत का प्रधानमंत्री बन जाता। इसके साथ ही उन्होंने 2026 में होने वाले परिसीमन को लेकर बड़ी मांग उठाई और कहा कि बिहार को कम से कम 20 और लोकसभा सीटों का लाभ मिलना चाहिए। पटना के मिलर हाइस्कूल मैदान में आयोजित इस महारैली में बिहार के 38 जिलों से हजारों कार्यकर्ता पहुंचे थे। कुशवाहा ने दीप प्रज्ज्वलन कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया और अपने तीखे बयानों से एक बार फिर राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी।
शक्ति प्रदर्शन की जरूरत होती तो गांधी मैदान छोटा पड़ जाता
मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने दावा किया कि यह रैली शक्ति प्रदर्शन के लिए नहीं बल्कि परिसीमन के मुद्दे को उठाने के लिए है। उन्होंने कहा, "मीडिया के लोग बार-बार सवाल कर रहे थे कि यह महारैली शक्ति प्रदर्शन के लिए आयोजित हो रही है। मैं उनको बताना चाहता हूं कि अगर उपेंद्र कुशवाहा को पटना में शक्ति प्रदर्शन की जरूरत होती तो गांधी मैदान छोटा पड़ जाता।" कुशवाहा ने यह भी स्पष्ट किया कि इस महारैली का आगामी विधानसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। उपेंद्र कुशवाहा के सम्मान की रक्षा तो प्रदेश की जनता स्वयं करती है। पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान मेरे चाहने वालों ने अपने आप मेरे सम्मान की रक्षा की थी।
तेजस्वी यादव पर तीखा हमला
राजद नेता तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कुशवाहा ने कहा कि गंगा किनारे डांस करने से कोई मुख्यमंत्री नहीं बन जाता है। अगर ऐसा होता तो देश का सबसे बड़ा डांसर भारत के प्रधानमंत्री को बन जाना चाहिए था। उन्होंने यह भी कहा कि सार्वजनिक जीवन में अपनी छवि बनाकर रखनी चाहिए। यह बयान तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा के दौरान गंगा आरती और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में उनकी सहभागिता को लेकर दिया गया है।

परिसीमन पर बड़ी मांग
2026 में होने वाले परिसीमन को लेकर उपेंद्र कुशवाहा ने विस्तार से अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि अगर 1976 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने परिसीमन को 25 सालों के लिए फ्रीज नहीं किया होता तो आज बिहार में लोकसभा की सीटों की संख्या 40 से बढ़कर लगभग 60 सीटें हो जातीं। कुशवाहा ने उत्तर और दक्षिण भारत के बीच भेदभाव की बात करते हुए कहा कि आज दक्षिण भारत में लगभग 21 लाख आबादी पर एक लोकसभा सीट है वहीं, उत्तर भारत में लगभग 31 लाख की आबादी पर एक लोकसभा सीट है। उन्होंने इसे संविधान की मूल भावना 1 व्यक्ति - 1 वोट - 1 मूल्य के साथ छलावा बताया। परिसीमन के आर्थिक पहलू को समझाते हुए कुशवाहा ने कहा कि हर सांसद को सालाना 5 करोड़ रुपए की सांसद निधि मिलती है। दक्षिण भारत में यह फंड एक संसद सदस्य को 21 लाख आबादी के लिए मिल रहा है, वहीं उत्तर भारत के संसद सदस्य को लगभग 31 लाख लोगों पर वही फंड मिलता है।
इंदिरा गांधी के फैसले पर हमला
1976 में इंदिरा गांधी द्वारा परिसीमन को रोकने के फैसले की आलोचना करते हुए कुशवाहा ने कहा कि "देश में आपातकाल लागू था और इसी का फायदा उठाकर 42वें संविधान संशोधन के जरिये परिसीमन को फ्रीज किया गया।" उन्होंने कहा कि अगर यह काम कांग्रेस के नेतृत्व वाली सरकार नहीं करती तो अब बिहार को कम से कम और 20 सांसदों का लाभ मिलता।
NDA के साथ खड़े, नीतीश की तारीफ
एनडीए के प्रति अपना समर्थन जताते हुए कुशवाहा ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव में NDA के लिए पूरे बिहार में अच्छा माहौल है। केंद्र और राज्य की NDA सरकार जनहित के जुड़े मुद्दों पर अच्छा काम कर रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि बिहार की शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए हमने 25 सूत्री मांग की थी, मैं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का विशेष आभार व्यक्त करता हूं कि उसमें से अधिकांश मांग पूरी हो चुकी है।
पाटलिपुत्र नाम की मांग
सम्राट अशोक की विरासत को जीवंत रखने के लिए कुशवाहा ने केंद्र और राज्य सरकारों से मांग की कि पटना का नाम पाटलिपुत्र किया जाय। उन्होंने कॉलेजियम सिस्टम को खत्म कर खुली परीक्षा के माध्यम से जजों की बहाली की भी मांग की।
