उपेंद्र कुशवाहा के अनुसार, भोजपुरी स्टार पवन सिंह के NDA में आने से गठबंधन को बड़ा फायदा होगा। इससे वोट विभाजन रुकेगा और शाहाबाद-मगध जैसे क्षेत्रों में NDA की पकड़ मजबूत होगी। यह कदम आगामी विधानसभा चुनाव के लिए महत्वपूर्ण है।
पटनाः बिहार विधानसभा चुनाव 2025 से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस बीच राष्ट्रीय लोक मोर्चा के सुप्रीमो और राज्यसभा सांसद उपेंद्र कुशवाहा ने सासाराम में एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि भोजपुरी सुपरस्टार पवन सिंह के एनडीए में शामिल होने से गठबंधन को निश्चित रूप से बड़ा फायदा मिलेगा।
वोट विभाजन रोके जाने की रणनीति
कुशवाहा ने बताया कि पिछले लोकसभा चुनाव में वोट का बंटवारा होने के कारण परिणाम एनडीए के पक्ष में नहीं आए थे। लेकिन इस बार विधानसभा चुनाव में इस तरह के वोट विभाजन को रोकने के लिए रणनीतिक प्रयास किए जा रहे हैं। कुशवाहा ने कहा, “पवन सिंह के शामिल होने से बिहार के कई जिलों में एनडीए की पकड़ और मजबूत होगी। खासकर शाहाबाद और मगध क्षेत्रों में गठबंधन का प्रभाव बढ़ेगा।”
भोजपुरी सिनेमा और राजनीति का मेल
उपेंद्र कुशवाहा ने स्पष्ट किया कि उनका हमेशा एनडीए के मजबूत होने पर फोकस रहता है और पर्सनल कमेंट से बचते हैं। उन्होंने बताया कि हाल ही में पवन सिंह से उनकी मुलाकात हुई, जिसके बाद बिहार में राजनीतिक सरगर्मी और भी बढ़ गई है। कुशवाहा ने कहा कि भोजपुरी सिनेमा और राजनीति के बीच यह नया समन्वय एनडीए के लिए लाभकारी साबित होगा।
वोटर गोलबंदी और गठबंधन की मजबूती
कुशवाहा ने यह भी कहा कि इस गठबंधन में राजपूत और अन्य जातिगत वोटर समूहों की गोलबंदी देखी जा सकती है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एनडीए इस बार सशक्त रणनीति के तहत चुनाव मैदान में उतर रही है, जिसमें वर्तमान गतिविधियों का समन्वय और चुनावी तैयारियों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
गठबंधन की छवि होगी मजबूत
कुशवाहा के अनुसार, पवन सिंह के एनडीए में शामिल होने से न केवल वोट बैंक मजबूत होगा, बल्कि राजनीतिक दृष्टि से गठबंधन की छवि भी चमकेगी। उन्होंने कहा, “भोजपुरी स्टार की लोकप्रियता और जनता में उनकी पहचान एनडीए को निश्चित रूप से चुनावी लाभ दिलाएगी। हमारा उद्देश्य है कि हर जिले में वोट बंटवारे से बचते हुए गठबंधन की जीत सुनिश्चित हो।”
इस तरह, पवन सिंह का एनडीए में प्रवेश, उपेंद्र कुशवाहा की सक्रियता और वोटर गोलबंदी की संभावनाओं के साथ, बिहार के आगामी विधानसभा चुनाव में गठबंधन की रणनीति को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
