पटना के दीदारगंज टोल पर 2 दिनों में 2 बार जदयू नेताओं से जुड़ी गाड़ियों ने बूम तोड़ा। मासिक पास खत्म होने पर उन्होंने कर्मचारियों को धमकाया। टोल प्रबंधन ने CCTV फुटेज के साथ पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है।
राजधानी पटना के दीदारगंज टोल नाका पर बुधवार और मंगलवार को दो घटनाओं में हड़कंप मच गया। आरोप है कि जदयू नेताओं से जुड़ी गाड़ियों ने टोल बूम तोड़ा और फरार हो गए, साथ ही इस दौरान उन्होंने टोल कर्मचारियों को धमकी भी दी। इसका CCTV फूटेज भी सामने आया है। टोल प्रबंधन ने इस संबंध में दीदारगंज थाने में शिकायत दर्ज कराने के लिए आवेदन दे दिया है।
पहली घटना: सुबह की वारदात
24 सितंबर 2025 की सुबह 08:57 बजे लेन नंबर 07 में वाहन संख्या BRO1PL3613 टोल नाका पर आया। टोल कर्मचारियों ने बताया कि इस वाहन का मासिक पास समाप्त हो चुका था और उन्हें पास रिचार्ज करने के लिए कहा गया। कर्मचारी ने वाहन मालिक को नियम समझाया, लेकिन उन्होंने इसे नजरअंदाज किया। वाहन चालक ने टोल बूम तोड़ते हुए आगे बढ़ने का रास्ता लिया। इसी दौरान कर्मचारियों को धमकी दी गई कि अगर आगे से वाहन रोका गया तो वाहन उनके ऊपर चढ़ा दिया जाएगा। टोल प्रबंधन का कहना है कि यह पूरी घटना CCTV कैमरे में कैद है।
दूसरी घटना: शाम का उत्पात
इसी तरह 23 सितंबर यानि मंगलवार की शाम 06:44 बजे लेन नंबर 06 में वाहन संख्या BROTHH1885 टोल पर आया। इस वाहन का भी मासिक पास समाप्त हो चुका था। टोल कर्मचारियों ने उन्हें रिचार्ज कराने का निर्देश दिया, लेकिन वाहन चालक ने मना कर दिया और बूम बैरियर तोड़कर आगे निकल गए। इस दौरान कर्मचारियों को धमकी भी दी गई। टोल प्रबंधन ने बताया कि इस घटना का भी वीडियो रिकॉर्डिंग उपलब्ध है और इसे शिकायत में संलग्न किया गया है।
टोल प्रबंधन की प्रतिक्रिया
टोल मैनेजर ने कहा कि मासिक पास समाप्त होने पर वाहन मालिकों को रिचार्ज करना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि विधायक और एमएलसी को टोल में छूट दी जाती है, जबकि पूर्व विधायकों को ऐसी छूट नहीं मिलती। बावजूद इसके, कुछ पूर्व विधायकों के परिवार की गाड़ियों ने नियमों का उल्लंघन किया। टोल प्रबंधन ने आगे बताया कि इन गाड़ियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एनएचएआई के डायरेक्टर को भी पत्र लिखा जाएगा।
थाने में शिकायत
टोल प्रबंधन ने दीदारगंज थाने में दोनों घटनाओं के खिलाफ FIR दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया है। शिकायत में CCTV फुटेज और टोल कर्मचारियों के बयान का हवाला दिया गया है। पुलिस अब मामले की जांच में जुटी है और संभावना जताई जा रही है कि गाड़ियों के चालकों और मालिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है।
कानूनी जानकारों का कहना है कि टोल बूम तोड़ना और कर्मचारियों को धमकाना संपत्ति को नुकसान पहुँचाने और कर्मचारियों को धमकाने के तहत आपराधिक मामला है। अगर CCTV फुटेज और गवाह पुष्टि करते हैं, तो संबंधित वाहन मालिकों और चालकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
