सार

पॉलिटिक्स में एंट्री की कोशिशें नाकाम रहने के बाद बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक(DGP) गुप्तेश्वर पांडेय आध्यात्म की राह पर हैं। शुरुआत कथावाचन से की और अब जगद्गुरु बन गए हैं।

रांची. पॉलिटिक्स में एंट्री की कोशिशें नाकाम रहने के बाद बिहार के पूर्व पुलिस महानिदेशक(DGP) गुप्तेश्वर पांडेय आध्यात्म की राह पर हैं। शुरुआत कथावाचन से की और अब जगद्गुरु बन गए हैं। पिछले दिनों इन्हें जीयर स्वामीजी ने जगद्गुरु रामानुजाचार्य की उपाधि दी है। हालांकि पांडेय राजनीति में अपनी नाकामी को अभी तक नहीं भूल पाएं हैं। उन्होंने नेताओं को जमकर कोसा।

बिहार के पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का शॉकिंग बयान

एक मीडिया से चर्चा में गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि वे पॉलिटिक्स में स्टैंडर्ड सेट करने गए थे। लेकिन नेताओं को सिर्फ चमचे चाहिए, नेता नहीं। गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि राजनीति में तेज चलेंगे, तो ये पर काट देंगे। पांडेय ने तल्ख लहजे में कहा कि नेताओं को छल-बल, धोखा, लंगड़ीमार चाहिए। उनके लिए यह कठिन था। राजनीति समाज को तोड़ती है। वे इसे आध्यात्म से जोड़ने आए हैं।

गुप्तेश्वर पांडेय ने बिहार में संतों की भूमिका पर कहा कि यहां 13 करोड़ की आबादी में एक भी राष्ट्रीयस्तर का संत नहीं है।

गुप्तेश्वर पांडेय ने कहा कि भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने की रणनीतियों पर कहा कि वे सनातन कट्टरवादिता की इजाजत नहीं देता है। सनातन सबको समान नजर से देखता है। गुप्तेश्वर पांडेय ने दुबारा राजनीति में लौटने की संभावनाओं को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि जगद्गुरु चुनाव नहीं लड़ते हैं।

गुप्तेश्वर पांडेय कौन हैं, आगे क्या प्लानिंग हैं

गुप्तेश्वर पांडेय का कहना है कि अब स्वामीजी के आदेशों का पालन करते हुए सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करेंगे। गुप्तेश्वर पांडेय को अब गुप्तेश्वर महाराज के नाम से जाना जाएगा। वे जून-जुलाई में गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक में सनतान धर्म का प्रचार-प्रसार करने निकलेंगे। इसके बाद अगस्त में इंग्लैंड और स्कॉटलैंड जाएंगे। सितंबर में ऑस्ट्रेलिया के मेलबर्न, सिडनी में आध्यात्मिक यात्रा करेंगे।

फिजी में भी रामकथा करेंगे। वे जनवरी, 2019 में बिहार के डीजीपी बनाए गए थे। उनका कार्यकाल 28 फरवरी, 2021 तक था, लेकिन उन्होंने इससे पहले ही रिटायरमेंट ले लिया था।

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