बिहार में NDA की जीत के बाद कैबिनेट ने विधानसभा भंग करने की सिफारिश की है। CM नीतीश कुमार ने अभी इस्तीफा नहीं दिया है। वे 19 नवंबर को NDA नेता चुने जाने के बाद इस्तीफा देकर सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।

बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भी, नई सरकार के गठन को लेकर पटना में एक दिलचस्प दांव पेंच देखने को मिला है। आज (17 नवंबर) कैबिनेट की बैठक में विधानसभा भंग करने का फैसला लिया गया, लेकिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपना इस्तीफा नहीं सौंपा है। यह निर्णय सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बन गया है, क्योंकि सामान्य तौर पर विधानसभा भंग करने के साथ ही मुख्यमंत्री इस्तीफा सौंप देते हैं।

आज कैबिनेट में हुए फैसले

17 नवंबर की सुबह 11:30 बजे मुख्यमंत्री आवास पर नीतीश कुमार की अंतिम कैबिनेट की बैठक हुई, जिसमें तीन प्रस्तावों पर मुहर लगी। 

  1. विधानसभा भंग करने का प्रस्ताव: मौजूदा बिहार विधानसभा को 19 नवंबर को भंग करने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई।
  2. अधिकारियों की सराहना: चुनावी प्रक्रिया में काम करने वाले सभी अधिकारियों और पदाधिकारियों की सराहना की गई।
  3. शुभकामनाएं: मौजूदा विधायकों ने सीएम नीतीश को प्रचंड जीत की शुभकामनाएं दीं।

इस्तीफा क्यों नहीं? 19 नवंबर को होगा 'डबल गेम'

कैबिनेट की बैठक खत्म होने के बाद सीएम नीतीश, डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय चौधरी के साथ राजभवन पहुँचे। हालांकि, आज उन्होंने इस्तीफा नहीं सौंपा। इसकी जानकारी खुद विजय चौधरी ने दी है। अंदरूनी सूत्रों और विजय चौधरी के मुताबिक, जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने रणनीति के तहत यह फैसला लिया है। जदयू यह चाहता है कि पहले नीतीश कुमार को एनडीए विधानमंडल दल का नेता चुना जाए, उसके बाद ही वह राज्यपाल को इस्तीफा सौंपें।

नीतीश कुमार ने राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को केवल 19 नवंबर को विधानसभा भंग करने की सिफारिश की सूचना दी है। नीतीश कुमार अब एनडीए विधानमंडल दल की बैठक में नेता चुने जाने के बाद ही राज्यपाल के पास जाएंगे। इसका मतलब है कि 19 नवंबर को जब नीतीश कुमार वापस राजभवन जाएंगे, तो वह एक हाथ से अपना इस्तीफा देंगे और दूसरे हाथ से एनडीए का नेता चुने जाने की जानकारी देते हुए सरकार बनाने का दावा पेश करेंगे।

अंतिम चरण में सरकार गठन की कवायद

बिहार विधानसभा का वर्तमान कार्यकाल 22 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसी बीच नई सरकार के गठन की प्रक्रिया गति पकड़ चुकी है। सोमवार की शाम में सीएम हाउस में जेडीयू विधायक दल की महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। बीजेपी विधायक दल की बैठक मंगलवार को संभावित है।

शपथ ग्रहण की तैयारी

पटना के गांधी मैदान में शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियाँ ज़ोरों पर हैं। सुरक्षा एवं प्रबंधन को देखते हुए 17 से 20 नवंबर तक आम जनता की एंट्री बंद कर दी गई है। शपथ समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शामिल होने की भी प्रबल संभावना है। सियासत की इस आगे-पीछे की बाज़ी ने पटना के राजनीतिक माहौल को पूरी तरह गरमा दिया है।