जीरादेई विधानसभा चुनाव 2025: जीरादेई विधानसभा चुनाव 2025 में JDU के भीष्म प्रताप सिंह ने CPI(ML) के अमरजीत कुशवाहा को 2626 वोटों से हराया। यह सीट राजनीतिक रूप से अहम है, जहाँ 2020 में CPI(ML), 2015 में JDU और 2010 में BJP जीती थी।

Ziradei Assembly Election 2025: जीरादेई विधानसभा चुनाव 2025 में जनता दल (यूनाइटेड) के भीष्म प्रताप सिंह जीत गए हैं। उन्हें 66227 वोट मिले। उन्होंने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) (मुक्ति) के अमरजीत कुशवाहा को 2626 वोटों से हराया। बिहार विधानसभा चुनाव 2025 (Bihar Assembly Election 2025) में सिवान जिले की जीरादेई विधानसभा सीट (Ziradei Assembly Seat) सुर्खियों में रही। यह सीट राजनीतिक और जातीय दृष्टि से बेहद अहम मानी जाती है। यहां की राजनीति में कांग्रेस, भाजपा, जदयू और वामपंथी दलों ने अलग-अलग दौर में अपनी पकड़ बनाई है। इस समय सीट पर सीपीआई(एमएल) (CPI-ML) के विधायक अमरजीत कुशवाहा काबिज हैं।

जीरादेई विधानसभा चुनाव 2020: वामपंथ की धमाकेदार वापसी

2020 में यहां बड़ा उलटफेर हुआ। सीपीआई(एमएल) के अमरजीत कुशवाहा ने जबरदस्त जीत हासिल की। उन्हें 69,442 वोट मिले, जबकि जदयू (JDU) के कमला सिंह को केवल 43,932 वोट ही मिले। हार का अंतर करीब 25,510 वोटों का रहा। भाजपा और कांग्रेस जैसी पार्टियां इस चुनाव में पिछड़ गईं।

जीरादेई विधानसभा चुनाव 2015: जदयू की जीत

2015 में यहां मुकाबला भाजपा और जदयू के बीच हुआ। जदयू उम्मीदवार रमेश सिंह कुशवाहा ने भाजपा की दिग्गज नेता आशा देवी को हराया। रमेश सिंह को 40,760 वोट मिले, जबकि आशा देवी को 34,669 वोट। जीत का अंतर मात्र 6,091 वोटों का था।

 जीरादेई विधानसभा चुनाव 2010: भाजपा का कब्जा

2010 में इस सीट पर भाजपा (BJP) ने बाजी मारी। भाजपा की आशा देवी को 29,442 वोट मिले। जबकि सीपीआई(एमएल) (CPI-ML) के अमरजीत कुशवाहा को केवल 20,522 वोट मिले। उस समय भाजपा ने करीब 8,920 वोटों से जीत हासिल की थी।

जातीय समीकरण: निर्णायक भूमिका

जीरादेई सीट पर कुशवाहा, यादव और मुस्लिम वोटर जीत-हार तय करते हैं। कुशवाहा मतदाता सबसे बड़ी संख्या में हैं और हाल के वर्षों में महागठबंधन और वामपंथी दलों की ओर झुकाव दिखा रहे हैं। यादव और मुस्लिम वोटरों का समर्थन भी यहां निर्णायक है। वहीं भाजपा को राजपूत, ब्राह्मण और वैश्य मतदाताओं का समर्थन मिलता रहा है।