Bastar Investor Connect: बस्तर में औद्योगिक विकास की नई शुरुआत। जगदलपुर में इनवेस्टर कनेक्ट कार्यक्रम में 1,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव मिले। स्थानीय उद्यमी रागिनी जायसवाल और सोहैल रिजवी के स्टार्टअप रोजगार और अर्थव्यवस्था को देंगे नई दिशा।

रायपुर। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर के दूरस्थ इलाकों तक औद्योगिक विकास पहुँचाने की पहल अब धरातल पर नजर आने लगी है। छह महीने पहले मुख्यमंत्री ने बस्तर क्षेत्र के उद्योगपतियों, व्यापारियों, स्टार्टअप उद्यमियों और युवाओं से संवाद कर औद्योगिक निवेश को लेकर सकारात्मक माहौल बनाया था।

इन प्रयासों का नतीजा यह रहा कि जगदलपुर में आयोजित छत्तीसगढ़ इनवेस्टर कनेक्ट बस्तर कार्यक्रम के दौरान करीब 1,000 करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों की स्वीकृति दी गई।

स्थानीय उद्यमियों की भागीदारी

इस कार्यक्रम में माओवाद प्रभावित इलाकों से भी उद्यमियों ने भाग लिया। इनमें कोंडागांव की युवा महिला उद्यमी रागिनी जायसवाल और बीजापुर जिले के उद्यमी सोहैल रिजवी प्रमुख रहे।

  • रागिनी जायसवाल ने प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण योजना का लाभ लेकर फिटनेस और न्यूट्रिशन यूनिट शुरू किया है।
  • सोहैल रिजवी बीजापुर में 6 टन प्रति घंटे क्षमता वाली आधुनिक राइस मिल की स्थापना कर रहे हैं।

रागिनी जायसवाल- पोषण आधारित स्टार्टअप

कोंडागांव निवासी रागिनी जायसवाल ने स्थानीय वन उत्पादों, ऑर्गेनिक फसलों और जड़ी-बूटियों के ज्ञान का उपयोग कर फिटनेस एंड न्यूट्रिशन यूनिट स्थापित किया है।

  • यह यूनिट माताओं और बच्चों को हेल्दी फूड उपलब्ध करवा रही है।
  • इसके लिए उन्हें शासन से 9.53 लाख रुपये की सहायता, जिसमें 35 प्रतिशत अनुदान शामिल है, प्राप्त हुई।
  • रागिनी अपने 10 सदस्यीय परिवार के सहयोग से आत्मनिर्भर बन रही हैं और भविष्य में भी पोषण सेवाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

यह भी पढ़ें

Surya Ghar Yojana: छत्तीसगढ़ बनेगा 60,000 मेगावाट बिजली उत्पादन वाला राज्य, 5 लाख घरों तक सौर ऊर्जा का लक्ष्य

सोहैल रिजवी- बीजापुर में राइस मिल और नए उद्यम

दंतेवाड़ा जिले के गीदम निवासी सोहैल रिजवी बीजापुर में एक आधुनिक राइस मिल शुरू कर रहे हैं।

  • इस राइस मिल की लागत लगभग 6 करोड़ रुपये है और सरकार की ओर से 90 लाख रुपये का अनुदान मिलेगा।
  • इस परियोजना से 50 से 60 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
  • सोहैल पहले से ही 3 करोड़ रुपये की लागत से फ्लाई ऐश ब्रिक्स यूनिट भी संचालित कर रहे हैं।

उनके पिता ने 17 साल पहले गीदम में राइस मिल शुरू की थी, जिसे अब सोहैल नई दिशा दे रहे हैं।

रोजगार और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर असर

रागिनी और सोहैल जैसे उद्यमियों की पहल से:

  • स्थानीय लोगों के लिए रोजगार बढ़ेगा।
  • ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
  • बस्तर जैसे दूरस्थ और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में उद्योग और निवेश के नए अवसर पैदा होंगे।

सरकार की नई औद्योगिक नीति का परिणाम

युवा स्टार्टअप्स की यह सफलता सरकार की सुरक्षित, पारदर्शी और आकर्षक औद्योगिक नीति का सीधा परिणाम है। यह नीति न केवल स्थानीय उद्यमियों को प्रोत्साहन दे रही है बल्कि भविष्य में बस्तर क्षेत्र को उद्योग और रोजगार का नया केंद्र बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

यह भी पढ़ें

छत्तीसगढ़ राज्योत्सव 2025: भारतीय वायु सेना का शौर्य प्रदर्शन, सूर्यकिरण एरोबेटिक टीम करेगी आसमान में करतब