सार

धमतरी के गंगरेल बांध में छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े जल महोत्सव 'जल जगार' की शुरुआत हो चुकी है। इस महोत्सव में कयाकिंग, स्वीमिंग, बनाना राइड जैसी कई प्रतियोगिताएँ आयोजित की जा रही हैं, जिनमें लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।

धमतरी के पंडित रविशंकर जलाशय गंगरेल बांध में प्रदेश के सबसे बड़े जल महोत्सव जल जगार का शुभारंभ हो गया है। बांध के तट पर स्थित बरदिहा लेक रिजॉर्ट में आज सुबह कलेक्टर सुश्री नम्रता गांधी की मौजूदगी में आजीविका महाविद्यालय धमतरी के टूरिस्ट गार्ड सदस्य माधव सिंह ने वाटर बैलेंसिंग स्पोर्ट्स में भाग लेकर जल ओलंपिक की शुरुआत की। उन्होंने गंगरेल के पानी में बनाए गए बैलेंसिंग स्ट्रक्चर पर लहरों की बीच चलकर दोनों हाथों से समन्वय बनाने का प्रयास किया।

इसके बाद थ्रो रो इवेंट में नरहरा जलप्रपात जल प्रबंधन समिति की टूरिस्ट गाइड महिलाओं ने पानी में रस्साफेंक प्रतियोगिता में लिया भाग। समिति की 3 सदस्य श्रीमती सजवन, श्रीमती गणेश्वरी एवं श्रीमती टिकेश्वरी ने उत्साह के साथ नई प्रकार की गतिविधि में शामिल हुई। जल संरक्षण की दिशा में काम कर रही समिति के सदस्यों ने बताया कि सरकार द्वारा विशेष प्रयास के तहत लोगों को जल जागरुकता की दिशा में आगे बढ़ाने जल जगार महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। जो कि पानी के महत्व को बताने एवं संरक्षण की दिशा में अहम प्रयास है। इस कार्यक्रम में जल से संबंधित कयाकिंग, स्वींमिंग, बनाना राईड, फ्री स्टाईल स्वीमिंग, फ्लैग् रैन, थ्रो रो, रिवर क्रॉसिंग जैसी प्रतियोगिता आयोजित किए जा रहे है। जिसका आनंद दर्शकगण पूरे परिवार के साथ उठा रहे है। जल जगार महोत्सव के लिए गंगरेल बांध में लाइफ जैकेट, मेडिकल किट सहित सुरक्षा के पुख्ता व्यवस्था सुनिश्चित किए गए है। कार्यक्रम स्थल को जल जागरुकता से युक्त स्लोगन, कविता आदि से युक्त बैनर पोस्टरों से सजाया गया है। प्रतियोगिता के आयोजन से गंगरेल बांध का तट आकर्षक एवं मनोरम हो गया है। विशाल जलसंग्रह में विभिन्न प्रकार के जेटस्की, बनाना राइड बोट, कयाकिंग नाव आदि की व्यवस्था की गई है। जिसमे प्रतिभागी उत्साह के साथ भाग ले रहे है।