शिक्षक दिवस 2025 पर छत्तीसगढ़ राजभवन में राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने 64 उत्कृष्ट शिक्षकों को सम्मानित किया। कार्यक्रम में शिक्षा नीति 2020 और नवाचार पर विशेष जोर दिया गया।

रायपुर। राज्यपाल श्री रमेन डेका और मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने शिक्षक दिवस (5 सितंबर 2025) पर छत्तीसगढ़ राजभवन के मण्डपम् में आयोजित भव्य समारोह में राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किए।

समारोह में राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024 के सभी सम्मानित शिक्षकों को शुभकामनाएं दीं। इस अवसर पर प्रदेश के 64 शिक्षकों को राज्यपाल पुरस्कार से नवाजा गया। साथ ही स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेन्द्र यादव ने वर्ष 2025 के लिए चयनित 64 शिक्षकों के नामों की भी घोषणा की।

राज्यपाल रमेन डेका का संदेश: शिक्षा सर्वांगीण विकास का माध्यम

मुख्य अतिथि राज्यपाल श्री रमेन डेका ने समारोह में सबसे पहले भारत के प्रथम उपराष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर उनको नमन किया। उन्होंने कहा- 'शिक्षा मानव के सर्वांगीण विकास का सबसे प्रभावी साधन है। एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों के लिए आदर्श होता है और उन्हें जिम्मेदार नागरिक बनाने में बड़ी भूमिका निभाता है। शिक्षक विद्यार्थियों के जीवन के प्रेरणास्रोत होते हैं और उन्हें कठिनाइयों का सामना करना सिखाना चाहिए।'

राज्यपाल ने कहा कि बच्चों को ऐसा पढ़ाया जाए जिससे वे स्कूल की ओर आकर्षित हों। केवल भवन नहीं, बल्कि स्कूल के अंदर दी जाने वाली शिक्षा ही असली महत्व रखती है। उन्होंने प्राचीन भारत की गुरुकुल परंपरा को श्रेष्ठ बताते हुए कहा कि आज भी उससे प्रेरणा लेनी चाहिए।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: बदलाव की दिशा

श्री डेका ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 शिक्षा क्षेत्र के लिए एक गेम चेंजर है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इसे लागू किया गया है। इस नीति का उद्देश्य शिक्षा को व्यवहारिक, कौशल आधारित और सर्वांगीण बनाना है। मातृभाषा में शिक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। मातृभाषा में पढ़ाई से बच्चा सहज और रुचि के साथ सीख पाता है। नवाचारी शिक्षा और नई शिक्षण सामग्री का प्रयोग बच्चों की पढ़ाई को आसान और रोचक बना रहा है। बदलते परिवेश के अनुरूप शिक्षा देना आज की आवश्यकता है और पाठ्यक्रमों में भी समयानुसार बदलाव जरूरी है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का संबोधन: शिक्षक ही सच्चे राष्ट्र निर्माता

समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा- ' शिक्षक राष्ट्र निर्माता होते हैं। जैसे दीपक स्वयं जलकर दूसरों को प्रकाश देता है, वैसे ही शिक्षक कठिनाइयों के बावजूद ज्ञान का प्रकाश फैलाते हैं। छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर रहा है और शिक्षा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश में आज 20 से अधिक विश्वविद्यालय, 15 से ज्यादा मेडिकल कॉलेज, IIT, IIM, AIIMS और लॉ यूनिवर्सिटी जैसे राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थान स्थापित हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य है कि हर बच्चे को आसानी से शिक्षा उपलब्ध हो। इसी दृष्टि से प्रत्येक 1 किलोमीटर पर प्राथमिक विद्यालय, 3-4 किलोमीटर पर माध्यमिक विद्यालय, 6-7 किलोमीटर पर हाई स्कूल, 8-10 किलोमीटर पर हायर सेकेंडरी स्कूल और हर विकासखंड में महाविद्यालय खोले जा रहे हैं।

स्कूल शिक्षा मंत्री गजेंद्र यादव का वक्तव्य

विशिष्ट अतिथि और स्कूल शिक्षा मंत्री श्री गजेंद्र यादव ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति लागू होने से आने वाले समय में शिक्षा का स्तर और बेहतर होगा। उन्होंने अगले वर्ष (2025) के लिए राज्य शिक्षक सम्मान हेतु चयनित शिक्षकों के नामों की घोषणा की।

राज्य स्तरीय समारोह में विशेष पुरस्कार और सम्मान

  • राज्य स्तरीय समारोह में चार उत्कृष्ट शिक्षकों को विशेष स्मृति पुरस्कार से नवाजा गया:
  • सूरजपुर जिले के श्री अजय कुमार चतुर्वेदी: डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्मृति पुरस्कार
  • कबीरधाम जिले के श्री रमेश कुमार चंद्रवंशी: श्री गजानन माधव मुक्तिबोध स्मृति पुरस्कार
  • सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले की श्रीमती सुनीता यादव: डॉ. मुकुटधर पाण्डेय स्मृति पुरस्कार
  • रायगढ़ जिले के श्री भोजराम पटेल: डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार

इसके अलावा प्रधान पाठक, व्याख्याता, सहायक शिक्षक और अन्य वर्गों के 64 उत्कृष्ट शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया।

समारोह का संचालन और उपस्थिति

  • स्वागत उद्बोधन: स्कूल शिक्षा सचिव श्री सिद्धार्थ कोमल परदेशी
  • आभार प्रदर्शन: लोक शिक्षण संचालक श्री ऋतुराज रघुवंशी

कार्यक्रम में राज्य की प्रथम महिला श्रीमती रानी डेका काकोटी, विधायक श्री पुरन्दर मिश्रा, राज्यपाल के सचिव डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक श्री संजीव झा और बड़ी संख्या में शिक्षक व अधिकारी उपस्थित रहे।