सार

छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की कमी की समस्या एक बहुत बड़ा मुद्दा है। विधानसभा के मॉनसून सत्र की शुरुआत में प्रमुख मुद्दों में शामिल किया गया। इस पर सीएम विष्णुदेव साय ने जानकारी दी।

Chhattisgarh Vidhan Sabha: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) विधानसभा का मॉनसून सत्र 22 जुलाई से शुरू हो गया है। सबसे पहले दिवंगत पूर्व विधायकों को श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान 5 मिनट के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। शिक्षकों की कमी का मुद्दा महत्वपूर्ण रूप से उठाया गया।

रायपुर ग्रामीण से बीजेपी विधायक मोतीलाल साहू ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय (Vishnudev sai) से शिक्षकों की कमी को लेकर सवाल किया। इस पर साय ने बताया- "पूरे देश में औसतन 26 छात्रों पर एक शिक्षक है, जबकि छत्तीसगढ़ में यह अनुपात 21 छात्रों पर एक शिक्षक का है। इसके बावजूद शिक्षक की कमी है। कुछ अव्यवस्थाओं की वजह से ऐसी स्थिति बनी है। राज्य के 300 स्कूलों में एक भी टीचर नहीं हैं। करीब 5000 स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक मौजूद है। हम शिक्षकों की भर्ती की प्रक्रिया आगे बढ़ाएंगे।" 

छत्तीसगढ़ में 25 फीसदी पद खाली-मुख्‍यमंत्री विष्णुदेव साय

मुख्‍यमंत्री ने कहा- “रायपुर जिले में 7 हजार 939 शिक्षकों के पद हैं। 1 हजार 954 पद खाली हैं, जो लगभग 25 फीसदी है। पदोन्नति की प्रक्रिया चल रही है, जिससे कुछ पदों को भरा जाएगा, लेकिन सीधी भर्ती के लिए कोई निश्चित समय-सीमा दे पाना संभव नहीं है।”

शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल का बयान

बता दें कि मई में लोकसभा चुनाव के दौरान ही छत्तीसगढ़ में सरकारी शिक्षकों के लिए 33 हजार पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की खबर सामने आई थी। इस पर शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा था-"आदर्श आचार संहिता हटने के बाद शिक्षक भर्ती का नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा। इसके संबंध में निर्देश दे दिए जा चुके हैं।मंत्री ने फरवरी में कहा था कि लोकसभा चुनाव के पहले नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ था।

ये भी पढ़ें:  Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ वापस पाएगा 'पॉवर सरप्लस स्टेट' का दर्जा, रायपुर पहुंचे केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर