सार

छत्तीसगढ़ के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या से सनसनी। ठेकेदार ने 50 करोड़ के सड़क घोटाले का पर्दाफाश करने पर की हत्या। पत्रकार समुदाय में आक्रोश।

छत्तीसगढ़ न्यूज: जिले के बीजापुर में पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के बाद पूरा पत्रकार समुदाय ही नहीं बल्कि पूरा बौद्धिक जगत सदमे में है। पत्रकार मुकेश चंद्राकर नक्सलियों से लोहा लेते हुए आखिरकार घर पर ही हार गए। उन्हें एक ठेकेदार ने सिर्फ इसलिए मार डाला क्योंकि उन्होंने ठेकेदार द्वारा बनाई गई सड़क पर रिपोर्ट छापी थी।

टीवी पर चली थी ये खबर

बताया जा रहा है कि इस सड़क की लागत 50 करोड़ थी। जिसे दोबारा टेंडर करके 100 करोड़ से ज्यादा कर दिया गया। उन्होंने यह रिपोर्ट एक टीवी चैनल के लिए तैयार की थी और रिपोर्ट दिखाए जाने के बाद ठेकेदार को भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसके बाद ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने सरकार में बैठे भ्रष्ट लोगों से मिलीभगत कर इस घटना को अंजाम दिया है।

हेलीकॉप्टर से आई थी बेटी की बारात

बस्तर और बीजापुर के पत्रकारों में यह भी चर्चा है कि आरोपी ठेकेदार की बेटी की बारात भी हेलीकॉप्टर से आई थी। बताया जा रहा है कि यह खुलासा भी मुकेश चंद्राकर ने ही किया था। इस घटना के बाद ठेकेदार मुकेश से नाराज था और जब सड़क का दोबारा टेंडर किए जाने की खबर फैली तो उसने मुकेश को रास्ते से हटाने का फैसला कर लिया। यह भी कहा जा रहा है कि आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और पत्रकार मुकेश चंद्राकर के बीच पारिवारिक संबंध थे।

आरोपी ठेकेदार से पारिवारिक संबंध

सूत्रों के अनुसार, ठेकेदार ने इन संबंधों का हवाला देकर मुकेश को अपने ठिकाने पर बुलाया था। इसके बाद मुकेश भी उस पर भरोसा करके हाफ पैंट और टी-शर्ट में उससे मिलने फार्म हाउस पहुंच गया, जहां इस वारदात को अंजाम दिया गया। मुकेश के परिजनों के अनुसार, 1 जनवरी की शाम को सुरेश ने मुकेश को फोन करके अपने फार्म हाउस पर आने को कहा। इसके बाद मुकेश घर से निकल गया, लेकिन थोड़ी देर बाद उसका फोन बंद हो गया। मुकेश के भाई उकेश चंद्राकर ने पुलिस को दी गई शिकायत में इसकी जानकारी भी दी।

फार्म हाउस में ही मिली थी आखिरी लोकेशन

उन्हें शक था कि ठेकेदार सुरेश ने ही मुकेश का अपहरण किया है। पुलिस ने मामले की जांच की तो मुकेश की आखिरी लोकेशन आरोपी के फार्म हाउस पर ही मिली थी। इसके बाद पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और निर्माणाधीन सेप्टिक टैंक की खुदाई कराई और जमीन के नीचे से मुकेश का शव बरामद किया। पुलिस ने मुकेश के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। इस घटना के बाद आरोपी ठेकेदार सुरेश और उसका भाई भूमिगत हो गए हैं। इस घटना के बाद बस्तर और बीजापुर समेत छत्तीसगढ़ के पत्रकारों का गुस्सा फूट पड़ा है।

जवानों को नक्सलियों से बचाया

पत्रकारों ने सांकेतिक तौर पर बस्तर में सड़कें भी जाम कर दी हैं। साथ ही उन्होंने सरकार और पुलिस से आरोपियों को सख्त से सख्त सजा देने की मांग की है। मुकेश नक्सलियों के खिलाफ निडर होकर पत्रकारिता कर रहे थे। इतना ही नहीं कई बार जब सुरक्षा बल के जवान नक्सलियों के चंगुल में फंस जाते थे तो मुकेश उन्हें नक्सलियों से छुड़वाते थे। ऐसे में छत्तीसगढ़ की सरकार और सिस्टम के लिए यह बड़ा सवाल है कि भ्रष्टाचार को उजागर करने वाले निडर पत्रकार को अपनी जान कैसे गंवानी पड़ी।

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