रायपुर (छत्तीसगढ़). 4 दिन पहले शनिवार को बीजापुर के जंगल में हुए नक्सली हमले में 23 जवान शहीद हो गए। वहीं 31 जवान घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। अब शहीदों की शव अंतिम संस्कार के लिए घर आने लगे हैं। इस हमले में शहीद हुए जवान रमेश कुमार जुर्री की शव जब तिरंगे से लिपटे एक ताबूत में घर आया तो सैकड़ों की संख्या में मौजूद लोगों की आखें नम थीं, तो वहीं परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। लेकिन सबकी निगाहें जवान की 4 साल की बेटी पर थीं, जो ताबूत में चिपकी पापा की तस्वीर को एकटक निहार रही थी। वह चुप थी और उसकी आंखों में कोई आंसू नहीं थे, शायद उसके मन में यही सवाल थे कि हमले के तीन दिन पहले तक उसके पापा साथ थे, जो अब कहीं नहीं दिखाई दे रहे हैं। सिर्फ लोग उनकी फोटो को देख रोए जा रहे हैं।