छत्तीसगढ़ में ‘स्वस्थ नारी सशक्त परिवार अभियान’ के तहत 31 हजार से अधिक शिविरों में 22 लाख लोगों की जांच। 36 हजार हितग्राहियों को स्वास्थ्य कार्ड, 5 लाख अनीमिया व 3.72 लाख टीबी जांच के साथ नई जागरूकता की शुरुआत।

नवरात्रि के शुभ अवसर पर जब देशभर में देवी की आराधना हो रही थी, तब छत्तीसगढ़ में महिलाओं ने अपने स्वास्थ्य की रक्षा का संकल्प लिया। “स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान” न सिर्फ एक स्वास्थ्य पहल बनकर उभरा, बल्कि यह ग्रामीण अंचलों में बदलते सामाजिक दृष्टिकोण का प्रतीक भी बन गया। पखवाड़े भर में पूरे प्रदेश में 31,000 से अधिक शिविर आयोजित किए गए, जिनमें करीब 22 लाख लोगों ने जांच और उपचार की सेवाएँ प्राप्त कीं। इनमें महिलाओं की सहभागिता सबसे अधिक रही — यह दिखाता है कि अब गांवों की महिलाएँ भी अपने स्वास्थ्य को लेकर सजग हो रही हैं।

छत्तीसगढ़ में महिला स्वास्थ्य को प्राथमिकता

अभियान के दौरान महिला स्वास्थ्य, पोषण और अनीमिया जांच प्रमुख फोकस में रहे।

  • 5 लाख से अधिक अनीमिया जांच
  • 1.91 लाख गर्भवती महिलाओं की एएनसी जांच
  • 2.72 लाख सिकल सेल स्क्रीनिंग
  • 3.72 लाख टीबी जांच
  • 67 हजार बच्चों का टीकाकरण

स्वास्थ्यकर्मियों ने गाँवों में महिलाओं को संतुलित आहार, आयरन-फोलिक एसिड, स्वच्छता और जीवनशैली सुधार पर सलाह दी। यह पहल इलाज से आगे बढ़कर रोकथाम और जागरूकता को मुख्य धारा में ले आई है। अभियान को नवरात्रि महोत्सव से जोड़ते हुए “स्वस्थ नारी-सुरक्षित परिवार” का संदेश जन-जन तक पहुँचाया गया। पंडालों और गरबा स्थलों पर हजारों महिलाओं ने व्रत और आराधना के साथ स्वास्थ्य जागरूकता का संकल्प लिया। स्वास्थ्य कर्मियों ने महिलाओं को मासिक धर्म स्वच्छता, नियमित जांच और खानपान के महत्व से अवगत कराया।

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वरिष्ठ नागरिकों को भी मिला लाभ

राज्य सरकार ने वरिष्ठ नागरिकों को भी अभियान से जोड़ा। 36,000 से अधिक हितग्राहियों को आयुष्मान वय वंदना और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जय) कार्ड वितरित किए गए, जिससे उन्हें अब उच्चस्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ निःशुल्क उपलब्ध होंगी। यह पहल सामाजिक सशक्तिकरण का सशक्त मॉडल सिद्ध हो रही है।

टीबी मुक्त भारत की दिशा में योगदान

भारत सरकार के वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त भारत लक्ष्य में छत्तीसगढ़ ने मजबूत कदम बढ़ाया है।

  • अभियान के दौरान 3,72,985 लोगों की टीबी स्क्रीनिंग की गई।
  • लक्षण मिलने पर उपचार प्रक्रिया तुरंत प्रारंभ की गई।
  • 7,000 से अधिक “निक्षय मित्रों” को पंजीकृत किया गया, जो रोगियों को पोषण और मानसिक सहयोग उपलब्ध करा रहे हैं।

नेताओं ने क्या कहा

मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कहा,

“स्वस्थ नारी ही सशक्त परिवार और समाज की नींव है। यह अभियान इलाज से आगे बढ़कर सामाजिक सोच को बदलने का उपक्रम है। छत्तीसगढ़ का यह प्रयास टीबी मुक्त भारत 2025 के संकल्प में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”

स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा,

“स्वस्थ नारी, सशक्त परिवार अभियान ने गांव-गांव तक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुंचाकर नया कीर्तिमान स्थापित किया है। महिलाओं को अनीमिया, सिकल सेल और टीबी जैसी बीमारियों की जांच की व्यापक सुविधा प्राप्त हुई है। यह पहल हर घर तक गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुनिश्चित करने की दिशा में ठोस कदम है।”

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