सार

आप पार्टी की मुसीबत उस वक्त बढ़ गई थी जब कैलाश गहलोत उनका साथ छोड़कर चले गए थे। अब पार्टी ने एक बड़ा फैसला लेते हुए राघवेंद्र शौकीन को नया कैबिनेट मिनिस्टर बना लिया है। 

दिल्ली। राजधानी दिल्ली की राजनीति में जबरदस्त तूफान देखने को मिल रहा है। जिस वक्त कैलाश गहलोत ने दिल्ली सरकार का साथ छोड़ने का फैसला किया था उस वक्त आप पार्टी की सांसे ही अटक गई थी। कैलाश गहलोत के इस कदम ने सभी को हैरानी में डाल दिया था, लेकिन इन सबके बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। दिल्ली सरकार को अपना नया कैबिनेट मिनिस्टर मिल गया है। आप सरकार में कैलाश गहलोत की जगह राघवेंद्र शौकीन ने ली हैं, जोकि नांगलोई जाट से आप विधायक है। इस बात का फैसला आप पार्टी की तरफ से उस वक्त लिया गया जब कैलाश गहलोत बीजेपी में शामिल हो रहे थे। ऐसे में आपके लिए ये जानना जरूरी है कि आखिर कौन हैं राघवेंद्र शौकीन जिन्होंने बढ़ाए आप पार्टी के हौसले।

ऐसे चमका राजनीति में सितारा

हरियाणा की भूमि से ताल्लुक रखने वाले राघवेंद्र शौकीन 2015 में नांगलोई सीट से पहली बार जीतकर विधायक बने थे। इसके बाद वो दोबारा से इसी सीट पर चुनाव लड़कर 2020 में भी जीते थे। अरविंद केजरीवाल दूसरे जाट नेता के तौर पर राघवेंद्र शौकीन को ही देखते थे। ऐसे में उन्होंने बिना देरी किए कैलाश गहलोत की जगह उन्हें देने का फैसला किया। पढ़ाई लिखाई के मामले में भी राघवेंद्र शौकीन काफी अच्छे हैं। उन्होंने एनआईटी कुरुक्षेत्र से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है। वो कॉलेज के दिनों से ही राजनीति गतिविधियों में शामिल होना पसंद करते थे।

 

राघवेंद्र शौकीन के जरिए लुभाएंगे जाटों के वोट?

वहीं, अब सवाल ये उठता है कि आखिर अरविंद केजरीवाल ने राघवेंद्र शौकीन के नाम पर ही मुहर क्यों लगाई? दरअसल हरियाणा बॉर्डर से करीब 364 गांवों में जाटों का दबदबा मौजूद हैं। ऐसे में राघवेंद्र शौकीन को इतना बड़ा मौका देकर आप पार्टी ने जाट वोटों को अपनी तरफ खींचने की पूरी कोशिश की है। राघवेंद्र शौकीन को जब इतना बड़ा मौका मिला तो उन्होंने बिना देरी करें अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और आप पार्टी के बड़े नेताओं का दिल खोलकर शुक्रियादा किया।