दिल्ली में गंभीर वायु प्रदूषण के बीच चीन ने मदद की पेशकश की है। चीन ने बताया कि उसने भी फैक्ट्रियों को शिफ्ट करने, पुरानी गाड़ियों पर रोक और कोयले की जगह गैस का उपयोग जैसे सख्त कदमों से अपने प्रदूषण पर काबू पाया था।

नई दिल्ली: दिल्ली में हवा की क्वालिटी बहुत खराब हो गई है और सरकार इसे ठीक करने के लिए जूझ रही है। इसी बीच, चीन ने यह कहते हुए मदद का हाथ बढ़ाया है कि 'हम इस मामले में आपकी मदद करेंगे'। भारत में चीन के राजदूत यू जिंग ने अपने एक्स (X) पर लिखा, 'एक समय हम भी स्मॉग (धुएं और कोहरे) की समस्या से जूझ रहे थे, लेकिन अब हमने इस पर काबू पा लिया है। हमें विश्वास है कि भारत भी यह कर सकता है।' इसके साथ ही उन्होंने बीजिंग और शंघाई शहरों की प्रदूषित और साफ हवा वाली तस्वीरें भी शेयर कीं। माना जा रहा है कि इसके जरिए उन्होंने इस मामले में भारत की मदद करने की इच्छा जताई है।

चीन ने क्या किया था?

चीन ने बहुत ज़्यादा वायु प्रदूषण को रोकने के लिए फैक्ट्रियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने, पुरानी गाड़ियों पर रोक लगाने और कोयले की जगह प्राकृतिक गैस का इस्तेमाल करने जैसे कदम उठाए थे। इससे वहां के हालात काफी हद तक सुधर गए थे। बीजिंग में वायु प्रदूषण को मापने वाला पीएम 2.5 का स्तर 900 तक पहुंच गया था। यह अच्छी हवा की तुलना में 30 गुना ज़्यादा प्रदूषित था। इसे रोकने के लिए चीन ने कोयले पर आधारित इंडस्ट्री को बंद कर दिया, बड़ी फैक्ट्रियों को दूसरी जगह शिफ्ट किया और पब्लिक ट्रांसपोर्ट पर ज़ोर दिया। लोहे और स्टील के उत्पादन में भारी कटौती की और 12 प्रांतों में 3500 करोड़ पेड़ लगाने की योजना बनाई। वायु प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों के इस्तेमाल पर पूरी तरह से रोक लगा दी और मेट्रो रेल सेवाओं को बढ़ाया।