दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने बीएमडब्ल्यू हादसा मामले में आरोपी गगनप्रीत कौर को जमानत दे दी है। इस हादसे में वित्त मंत्रालय के अधिकारी नवजोत सिंह की जान गई थी। कोर्ट ने हादसे के बाद आई एक एम्बुलेंस में मौजूद कर्मियों की लापरवाही पर सवाल उठाए हैं।
Patiala House Court: दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने शनिवार को बीएमडब्ल्यू हादसा मामले में आरोपी गगनप्रीत कौर को जमानत दे दी। इस हादसे में वित्त मंत्रालय के सीनियर अधिकारी नवजोत सिंह की मौत हुई थी। कोर्ट ने गगनप्रीत को 1 लाख रुपए के मुचलके पर जमानत दी है।
कोर्ट ने जमानत के लिए लगाईं ये शर्तें
कोर्ट ने जमानत देने के साथ ही कुछ शर्तें भी लगाई हैं। इनमें पासपोर्ट जमा करना और हर सुनवाई में अदालत में मौजूद रहना शामिल है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि आरोपी गगनप्रीत न्यू लाइफ अस्पताल के कर्मचारियों या किसी भी गवाह से संपर्क नहीं करेगी।
कोर्ट में सुनवाई के दौरान गगनप्रीत के वकील ने दिल्ली पुलिस पर मामले से संबंधित सीसीटीवी फुटेज पेश न करके कोर्ट के साथ "लुका-छिपी" खेलने का आरोप लगाया। गगनप्रीत ने अपने वकील के जरिए बताया, "मेरी कोई गलती नहीं है। उस व्यक्ति को अस्पताल ले जाने के बाद भी, मुझे दोषी बताया जा रहा है।"
कोर्ट ने दुर्घटना स्थल पर पहुंची एम्बुलेंस पर उठाए सवाल
गगनप्रीत को जमानत देने से पहले कोर्ट ने दुर्घटना स्थल पर पहुंची एम्बुलेंस की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए। कहा, "कुछ ही सेकंड में एक एम्बुलेंस वहां पहुंची और 30 सेकंड तक वहीं रही, लेकिन घायलों को अस्पताल नहीं ले गई। उन्हें कोई इमरजेंसी काम नहीं था। वे सबसे नजदीकी अस्पताल (आर्मी बेस अस्पताल) जा रहे थे।"
कोर्ट ने पुलिस से पूछा, "इस एम्बुलेंस के साथ क्या किया जाए? क्या वे लापरवाही से काम करने के लिए इस मौत के लिए जिम्मेदार होने के आरोपी नहीं हैं? पैरामेडिक्स वाली एम्बुलेंस घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए बाध्य थी। पैरामेडिक्स ने आसपास खड़े लोगों से पूछा कि क्या किसी को मदद चाहिए। सबसे अच्छी तरह से सुसज्जित गाड़ी वहां मौजूद थी। एम्बुलेंस 30 सेकंड के भीतर मौके से चली गई। क्या यह मेडिकल लापरवाही नहीं है?
14 सितंबर को धौला कुआं के पास हुआ था हादसा
बता दें कि हादसा 14 सितंबर को दिल्ली के धौला कुआं के पास हुआ था। नवजोत सिंह और उनकी पत्नी संदीप कौर बाइक पर सवार थे। उन्हें पीछे से तेज रफ्तार बीएमडब्ल्यू कार ने टक्कर मारी। इस कार को गगनप्रीत कौर चला रही थी। हादसे में नवजोत सिंह की मौत हो गई। उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं।
हादसे के बाद नवजोत सिंह और उनकी पत्नी को उत्तरी दिल्ली के न्यूलाइफ अस्पताल ले जाया गया था। यह घटनास्थल से लगभग 19km दूर था। नवजोत सिंह के परिवार ने आरोप लगाया है कि हादसे के बाद पास के अस्पताल ले जाने की जगह दूर ले जाया गया। इससे महत्वपूर्ण समय बर्बाद हो गया और नवजोत की जान नहीं बच सकी।
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अपने बचाव में गगनप्रीत ने पुलिस को बताया कि हादसे के बाद वह घबरा गई थी। वह घायलों को एक परिचित अस्पताल में गई। उसकी बेटी का कोविड-19 महामारी के दौरान एक बार वहां इलाज हुआ था। गगनप्रीत पर भारतीय न्याय संहिता के तहत गैर इरादतन हत्या और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया गया है।
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