दिल्ली में टीचरों के मानसिक उत्पीड़न से तंग आकर एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में सेंट कोलंबस स्कूल के हेडमास्टर और 3 टीचर सस्पेंड कर दिए गए हैं। छात्र के परिवार ने इसे दिखावा बताकर उन्हें नौकरी से निकालने की मांग की है।

नई दिल्ली : टीचरों के मानसिक उत्पीड़न की वजह से जान देने की बात लिखकर दिल्ली मेट्रो के सामने कूदकर एक छात्र ने आत्महत्या कर ली। इस मामले में सेंट कोलंबस स्कूल के हेडमास्टर और तीन टीचरों को सस्पेंड कर दिया गया है। स्कूल ने यह कार्रवाई बच्चे के पिता के बयान और सुसाइड नोट में लिखी बातों को ध्यान में रखकर की है। लेकिन, बच्चे के माता-पिता का मानना है कि यह सिर्फ दिखावे के लिए है। उनका कहना है कि अगर हेडमास्टर और टीचरों को नौकरी से नहीं निकाला गया तो वे स्कूल के सामने प्रदर्शन करेंगे। माता-पिता को यह भी डर है कि मामला शांत होने पर स्कूल मैनेजमेंट उन्हें वापस नौकरी पर रख सकता है। 

दसवीं क्लास के छात्र शौर्य पाटिल की मौत के बाद और भी जानकारी सामने आई है। बच्चे के स्कूल बैग से मिले सुसाइड नोट में उसने स्कूल में होने वाले मानसिक उत्पीड़न के बारे में लिखा था। नोट में लिखा है कि स्कूल में हो रहे उत्पीड़न की वजह से ही उसने यह कदम उठाया। सुसाइड नोट में टीचरों के खिलाफ कार्रवाई की मांग भी की गई है। शौर्य पाटिल ने पिछले साल 18 नवंबर को अपनी जान दी थी। स्कूल के लिए निकला छात्र मेट्रो स्टेशन पर मृत पाया गया था। उसकी आखिरी इच्छा थी कि टीचरों के खिलाफ कार्रवाई हो, ताकि जो उसके साथ हुआ, वह किसी और छात्र के साथ न हो।

बच्चे के पिता ने क्या कहा

शौर्य के पिता प्रदीप पाटिल ने आरोप लगाया कि लगभग एक साल से स्कूल के टीचर उनके बेटे का मज़ाक उड़ा रहे थे और उसके साथ बुरा बर्ताव कर रहे थे। छोटी-छोटी बातों पर भी टीचर बच्चे को लगातार डांटते, बेइज्जत करते और मानसिक रूप से परेशान करते थे। इस वजह से उनका बेटा बहुत ज़्यादा मानसिक तनाव में था। स्कूल मैनेजमेंट से शिकायत करने के बाद भी टीचरों के बर्ताव में कोई बदलाव नहीं आया। शिकायत करने पर स्कूल मैनेजमेंट ने बच्चे को स्कूल से निकालने तक की बात कह दी। जिस दिन उनके बेटे ने आत्महत्या की, उस दिन स्टेज पर डांस प्रैक्टिस के दौरान गिरने पर टीचरों ने शौर्य को डांटा और सबके सामने बेइज्जत किया। जब शौर्य स्टेज पर रोने लगा, तो एक टीचर ने यह कहकर उसे और दुख पहुंचाया, ‘तुम्हें जितना रोना है रो लो, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।’

Disclaimer: आत्महत्या किसी समस्या का हल नहीं है। अगर आपके मन में भी सुसाइड या खुद को चोट पहुंचाने जैसे ख्याल आ रहे हैं तो आप फौरन घर-परिवार, दोस्तों और साइकेट्रिस्ट की मदद ले सकते हैं। इसके अलावा आप इन हेल्पलाइन नंबरों पर कॉल करके भी मदद मांग सकते हैं। आसरा (मुंबई) 022-27546669, सुमैत्री (दिल्ली) 011-23389090, रोशनी (हैदराबाद) 040-66202000, लाइफलाइन 033-64643267 (कोलकाता)। मानसिक तनाव होने पर काउंसलिंग के लिए हेल्पलाइन नंबर 14416 और 1800 8914416 पर संपर्क कर घर बैठे मदद पा सकते हैं।