सार

कुछ वक्त पहले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आरोप लगाय था। अब इस पर दिल्ली चुनाव आयोग ने सफाई दी है। बताया है इस चीज से जुड़ा पूरा प्रोसेस।

नई दिल्ली। दिल्ली चुनाव जल्दी शुरू होने जा रहे हैं। इस दौरान कई पार्टियों के बीच आरोप और प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। कुछ वक्त पहले आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह ने वोटर लिस्ट से नाम हटाने का आरोप लगाय था। अब इस पर दिल्ली चुनाव आयोग ने सफाई दी है। आरोपों का खंडन करते हुए चुनाव आयोग की तरफ से कहा गया है कि आप नेता के दावे पूरी तरह से निराधार है। आइए जानते हैं कि इस मामले की शुरुआत आखिरी कहां से हुई?

दरअसल संजय सिंह ने इस बात का आरोप शु्क्रवार के दिन लगाया था कि विधानसभा चुनाव से पहले बीजेपी वोटर लिस्ट से नाम हटाने के लिए टारगेट अभियान इस वक्त चल रही है। वहीं, उनकी पत्नी अनीता सिंह ने भी इस बात का खुलकर दावा किया था कि बीजेपी के इशारे पर किसी ने नई दिल्ली निर्वाचन क्षेत्र की वोटर लिस्ट से उनका नाम हटाने का आवेदन दायर किया था। दिल्ली के निर्वाचन कार्यालय ने इन आरोपों का खंडन करते हुए संजय सिंह के दावे पूरी तरह से गलत और निराधार बताए हैं।

दिल्ली वालों के लिए अरविंद केजरीवाल ने किया बड़ा ऐलान, हर घर को मिलेगा ये फायदा

दिल्ली चुनाव कार्यालय ने बताया कैसे डिलीट किए जाते हैं नाम

निर्वाचन आयोग की तरफ से ये बताया गया है कि भारत के चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों की माने तो फॉर्म 7 का सारांश, जिसमें आपत्तिकर्ताओं और जिनके नाम हटाने का प्रस्ताव है उन दोनों के नाम शामिल होते हैं। ये चीज आप पार्टी के साथ-साथ बाकी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ इस चीज को शेयर किया जाता है। फॉर्म 19 के जरिए साप्ताहिक आधार पर की जाती है। इसके अंदर यह जानकारी सार्वजनिक पहुंच और पारदर्शिता के लिए सीईओ दिल्ली की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड की जाती है। आयोग की ओर से ये कहा गया है कि आपत्तिकर्ताओं के नाम शेयर नहीं किए जा रहे हैं, तथ्यात्मक रूप से सही नहीं है। संदर्भ के लिए फॉर्म 10 की एक प्रति संलग्न है, जहां आपत्तिकर्ताओं और जिनके नाम हटाने के प्रस्ताव है उन्हें पूरी तरह से बताया जाता है।

ये भी पढ़ें-

नमो ट्रेन में यात्रा से लेकर मेट्रो उद्घाटन तक, जानें मोदी का दिल्ली प्रोग्राम

हिट एंड रन केस में SI की दर्दनाक मौत, दहल उठी पूरी दिल्ली