केन रिसर्च की रिपोर्ट के मुताबिक भारत का हलाल फूड मार्केट 19 अरब डॉलर तक पहुंच गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ के हलाल फूड पर बयान के बाद यह मुद्दा चर्चा में है। बढ़ती मांग और निर्यात के बीच कंपनियों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
भारत में आबादी और उपभोक्ता वर्ग दोनों के विस्तार के साथ हलाल फूड बाजार अब अरबों डॉलर का उद्योग बनता जा रहा है। ग्लोबल मार्केट इंटेलिजेंस और कंसल्टेंसी फर्म 'केन रिसर्च' की हालिया रिपोर्ट ‘India Halal Food Market Outlook to 2030’ के मुताबिक, देश में हलाल फूड मार्केट की वैल्यू 19 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गई है।
रिपोर्ट के अनुसार, यह वृद्धि न केवल मुस्लिम उपभोक्ताओं बल्कि स्वास्थ्य-सचेत गैर-मुस्लिम उपभोक्ताओं के बीच हलाल उत्पादों की बढ़ती मांग के कारण हो रही है। इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हलाल फूड पर दिए बयान से यह मुद्दा एक बार फिर राजनीतिक और सामाजिक बहस का केंद्र बन गया है। सीएम योगी ने जनता से अपील की है कि हलाल प्रमाणित उत्पादों का बहिष्कार करें, यह कहते हुए कि ऐसे उत्पादों से होने वाला धन आतंकवाद, धर्मांतरण और ‘लव जिहाद’ जैसी गतिविधियों को बढ़ावा देता है।
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भारत में हलाल प्रमाणित उत्पादों की बढ़ती मांग
रिपोर्ट बताती है कि भारत में हैदराबाद, लखनऊ और मुंबई जैसे शहरों में हलाल फूड की सबसे अधिक मांग है। इन शहरों में मुस्लिम आबादी अधिक होने के कारण हलाल सप्लाई चेन मजबूत हुई है, जो अब देशभर के लिए वितरण केंद्र के रूप में काम कर रही है।
इसके साथ ही, भारत से हलाल उत्पादों का निर्यात भी तेजी से बढ़ रहा है, विशेष रूप से खाड़ी सहयोग परिषद (GCC) देशों और दक्षिण-पूर्व एशिया के बाजारों में।
हलाल फूड सेक्टर की प्रमुख कंपनियां
भारतीय हलाल फूड बाजार में कई बड़ी कंपनियां सक्रिय हैं, जिनमें शामिल हैं:
- Allanasons Pvt. Ltd.
- Al Kabeer Group
- Amara Halal Foods
- BRF S.A.
- Nestle S.A.
इन कंपनियों ने अपनी मजबूत सप्लाई चेन, निर्यात नेटवर्क और ब्रांड प्रतिष्ठा के दम पर बाजार में अपना दबदबा बनाए रखा है।
विकास के साथ चुनौतियां भी
केन रिसर्च की रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत का हलाल बाजार भले ही तेजी से बढ़ रहा हो, लेकिन इसके सामने कई चुनौतियां भी हैं। इनमें शामिल हैं:
- हलाल प्रमाणन मानकों का पालन
- सप्लाई चेन की प्रमाणिकता बनाए रखना
- गैर-मुस्लिम उपभोक्ताओं में जागरूकता की कमी
फर्म के अनुसार, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर हलाल उत्पादों की उपलब्धता और डिजिटल प्रमोशन ने इस बाजार को और बढ़ावा दिया है।
भारत के मांस उत्पादन और निर्यात की स्थिति
भारत सरकार की APEDA (Agricultural and Processed Food Products Export Development Authority) के अनुसार, भारत दुनिया का दसवां सबसे बड़ा भैंस के मांस का निर्यातक है। देश में भैंसों की सबसे अधिक आबादी वाले राज्य हैं:
- उत्तर प्रदेश (30%)
- राजस्थान (12.5%)
- गुजरात (9.6%)
- मध्य प्रदेश (9.4%)
- बिहार (7%)
मांस उत्पादन के लिहाज से उत्तर प्रदेश (12.2%), पश्चिम बंगाल (11.9%), महाराष्ट्र (11.5%), आंध्र प्रदेश (11.2%) और तेलंगाना (11.0%)शीर्ष पर हैं।
वित्त वर्ष 2023-24 में भारत से 1,295,603.15 मीट्रिक टन भैंस का मांस निर्यात किया गया, जिसकी कुल वैल्यू 3.74 बिलियन अमेरिकी डॉलररही। भारत के प्रमुख निर्यात गंतव्य हैं, मलेशिया, वियतनाम, मिस्र, इराक और संयुक्त अरब अमीरात।
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