भारत में 70-90 घंटे काम के सुझावों पर बहस के बीच, दिल्ली मेट्रो में काम करती एक लड़की का वीडियो वायरल हुआ है। यह वीडियो देश में बिगड़ते वर्क-लाइफ बैलेंस की चिंता को उजागर करता है, जिसने इस मुद्दे पर एक नई बहस छेड़ दी है।
पिछले कुछ समय से भारत के अरबपति इस बात पर बहस कर रहे हैं कि काम के घंटे कितने होने चाहिए। इंफोसिस और L&T जैसी प्राइवेट कंपनियों ने हफ्ते में 48 घंटे काम करने के नियम को 70-90 घंटे तक बढ़ाने का सुझाव दिया है। इसके बाद, इस पर खूब बहस भी हुई। इसी बीच, सोशल मीडिया पर एक लड़की का वीडियो वायरल हुआ है, जिसने भारत में वर्क-लाइफ बैलेंस पर बहस को फिर से हवा दे दी है।
मेट्रो में भी काम
दिल्ली मेट्रो के अंदर लगे एक विज्ञापन के नीचे बैठी एक लड़की लैपटॉप पर काम कर रही है और साथ ही फोन पर किसी से परेशान होकर बात कर रही है। वीडियो में वह बीच-बीच में बेचैni से अपना सिर भी खुजलाती है। विज्ञापन पर लिखा था, "वर्क लाइफ इम्बैलेंस्ड है। आपके अंडरआर्म का पीएच ऐसा नहीं होना चाहिए।" इस विज्ञापन और लड़की की परेशानी ने लोगों का ध्यान खींचा। इस विरोधाभास को देखकर लोगों ने भारत में वर्क-लाइफ बैलेंस पर अपनी राय लिखनी शुरू कर दी।
लोगों की प्रतिक्रिया
कुछ लोगों ने वीडियो के नीचे कमेंट करते हुए इंफोसिस के मालिक नारायण मूर्ति की 72 घंटे काम करने की मांग को याद दिलाया। चीन के '996' वर्क कल्चर (हफ्ते में छह दिन, सुबह 9 से रात 9 बजे तक) का उदाहरण देते हुए नारायण मूर्ति ने कहा था, "मेरा मानना है कि कोई भी व्यक्ति, समाज या देश बिना कड़ी मेहनत के कभी आगे नहीं बढ़ा है।"
मूर्ति ने यह भी कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हफ्ते में करीब 100 घंटे काम करते हैं और यह युवा प्रोफेशनल्स के लिए एक मिसाल है। लेकिन, वीडियो पर कई लोगों ने लिखा कि यह लड़की आखिर जीना कब शुरू करेगी। उन्होंने चिंता जताई कि काम से फुर्सत पाकर वह अपनी जिंदगी के बारे में कब सोचना शुरू करेगी। वहीं, कुछ लोगों ने आठ घंटे काम, आठ घंटे आराम और आठ घंटे मनोरंजन वाले नियम का भी जिक्र किया, जिसे आज भी कई देश अपनाते हैं।
