सार

हरियाणा की विवादास्पद IAS अधिकारी अनीता यादव पर किसी शख्स ने अड़ी डाल दी। यादव द्वारा जबरन वसूली के प्रयास(extortion attempt) की शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी।

गुरुग्राम. हरियाणा की विवादास्पद IAS अधिकारी अनीता यादव पर किसी शख्स ने अड़ी डाल दी। यादव द्वारा जबरन वसूली के प्रयास(extortion attempt) की शिकायत दर्ज कराने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज किया है। अधिकारियों ने सोमवार को यह जानकारी दी। यादव की शिकायत के अनुसार, उन्हें 3 मार्च को एक मोबाइल नंबर से कॉल आया और फोन करने वाले ने खुद को ऋषि के रूप में पहचाना और एंटी करप्शन ब्यूरो(ACB) द्वारा जांच किए जा रहे एक मामले से अपना नाम साफ करने के लिए 5 करोड़ रुपये देने को कहा।

फरीदाबाद नगर निगम में हुए 50 करोड़ के घोटाले में फंसी हैं अनीता यादव

पुलिस ने कहा कि फोन करने वाले ने कहा कि उसे एक पॉलिटिशियन ने यादव से संपर्क करने का निर्देश दिया था। यादव ने कहा-"उसी व्यक्ति ने 4 मार्च को फिर से मुझसे संपर्क किया और यह कहकर मुझे धमकी दी कि अगर मैंने पैसे देने से इनकार किया, तो इसके परिणाम भुगतने होंगे।"

यादव ने अपनी शिकायत में कहा, "पिछले दो दिनों में जिस तरह से ये घटनाएं सामने आई हैं, उससे मैं सदमे में हूं। मैं अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हूं।"

पुलिस ने कहा कि ऋषि नामक शख्स के खिलाफ सोमवार(6 मार्च) रात सेक्टर 50 पुलिस स्टेशन में इंडियन पेनल कोड की धारा 385 (जबरन वसूली करने के लिए चोट के डर से व्यक्ति को डराना), 506 (आपराधिक धमकी) के तहत FIR दर्ज की गई है। एक सीनियर पुलिस अधिकारी ने पुष्टि की कि मामला दर्ज कर लिया गया है।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हरियाणा सरकार ने हाल ही में फरीदाबाद में एक कथित घोटाले के सिलसिले में यादव, एक अन्य आईएएस अधिकारी और सात अधिकारियों की जांच के लिए ACB को अनुमति दी थी।

हरियाणा के फरीदाबाद नगर निगम में हुए 50 करोड़ के घोटाले में पिछले दिनों मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हरियाणा एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) को जांच के लिए मंजूरी दे दी है। ACB इस मामले में 2 महिला आईएएस अनिता यादव और सोनम गोयल सहित 9 अधिकारियों के खिलाफ पूछताछ करने वाली है।

फरीदाबाद निगम में साल 2017 से 2019 के बीच सड़कों और अन्य कार्यों में 50 करोड़ के घोटाले का आरोप है। इसमें बिना काम भुगतान कर दिया गया था। 2020 में घोटाले की निवर्तमान पार्षद दीपक, महेंद्र सरपंच, सुरेंद्र अग्रवाल आदि ने नगर निगम प्रशासन से शिकायत की थी।

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