सार

ओडिशा के बालासोर में 2 जून को हुए भारत के 20 साल के इतिहास के सबसे बड़े रेल हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वालीं पोस्ट को लेकर पुलिस ने चेतावनी दी है। ओडिशा पुलिस ऐसी पोस्ट पर कड़ी नजर रखे हुए है। 

नई दिल्ली. ओडिशा के बालासोर (Balasore also known as Baleshwar) में 2 जून को हुए भारत में 20 साल के इतिहास के सबसे बड़े रेल हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वालीं पोस्ट को लेकर पुलिस ने चेतावनी दी है। ओडिशा पुलिस ऐसी पोस्ट पर कड़ी नजर रखे हुए है। ओडिशा पुलिस ने लोगों ने अपील की है कि रेल हादसे को लेकर किसी भी तरह की भ्रामक, फेक या साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाली पोस्ट न करें, वर्ना कानूनी एक्शन लिया जाएगा। इस बीच दुर्घटनाग्रस्त पटरियां सुधार दी गई हैं। अप और डाउन दोनों लाइनों पर फिर से ट्रेनों की आवाजाही शुरू हो गई है।

ओडिशा ट्रेन एक्सीडेंट को लेकर सोशल मीडिया पर फेक न्यूज के खिलाफ ओडिशा पुलिस का एक्शन

ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ असामाजिक तत्व गलत और साम्प्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने वाली पोस्ट कर रहे हैं। ओडिशा पुलिस और इंटेलिजेंस उन पर कड़ी नजर बनाए हुए है। ओडिशा पुलिस ने 4 जून को एक प्रेस रिलीज में चेतावनी दी कि कुछ सोशल मीडिया अकाउंट्स ट्रेन हादसे को साम्प्रदायिक रंग देने की साजिश रच रहे हैं। पुलिस ने बयान में कहा-"जो लोग हादसे को लेकर झूठी सोशल मीडिया पोस्ट शेयर कर रहे हैं हम उन सभी लोगों से अपील करते हैं कि वो ऐसा करने से बचें. झूठी अफवाह फैलाकर सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वालों के खिलाफ लीगल एक्शन लिया जाएगा। रेल हादसे के कारणों और अन्य सभी पहलुओं की जांच की जा रही है।"

ओडिशा ट्रेन हादसा: क्या रेलवे ने कर लिया पता कि क्यों हुआ था एक्सीडेंट?

इधर, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक बयान में कहा कि दुर्घटना की वजह पता चल चुकी है। इसके जिम्मेदार अपराधियों को आइडेंटिफाई कर लिया गया है। दुर्घटनास्थल पर रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मौजूद रेल मंत्री का कहना है कि यह एक्सीडेंट इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग और प्वाइंट मशीन में किए गए चेंज के कारण हुआ।

बालेश्वर ट्रेन हादसा-कोरोमंडल एक्सप्रेस के पायलट को क्यों मिली क्लीन चिट

शुरुआती जांच के बाद रेलवे अधिकारियों ने कोरोमंडल ट्रेन के पायलट को क्लीन चिट दे दी है। इसमें कहा गया कि उसके पास ट्रेन को आगे ले जाने के लिए ग्रीन सिग्नल था। वह एक तय स्पीड में ही ट्रेन चला रहा था।

बता दें कि 2 जून की शाम 7.20 बजे बेंगलुरु-हावड़ा सुपरफास्ट एक्सप्रेस, शालीमार-चेन्नई सेंट्रल कोरोमंडल एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकरा गई थी। उसी समय इससे यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी आकर भिड़ गई थी। यानी तीन ट्रेनें आपस में टकराई थीं। ओडिशा के खड़गपुर डिविजन में हुए बालासोर ट्रेन हादसे के बाद PM मोदी खुद घटनास्थल पर पहुंचे थे। ट्रेन हादसे के समय कोरोमंडल और यशवंतपुर-हावड़ा ट्रेन में 4000 से अधिक पैसेंजर सवार थे। बालेश्वर हादसे में किसी शरारत की आशंका के मद्देनजर रेलवे बोर्ड ने इसकी CBI से जांच की सिफारिश कर दी है।

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