जामनगर के परमार परिवार की बेटी के विवाह में सुरक्षा व्यवस्था से बाधा की आशंका थी। परिवार की विनती पर CM भूपेंद्र पटेल ने अपना कार्यक्रम स्थल बदल दिया, जिससे विवाह शांतिपूर्ण तरीके से पूरा हो सका। यह घटना उनकी मानवता और संवेदनशीलता को दर्शाती है।

गांधीनगर। गुजरात के मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के संवेदनशील और मानवतावादी स्वभाव को दर्शाने वाली एक घटना जामनगर में सामने आई है। CM भूपेंद्र पटेल ने एक स्थानीय परिवार की विनती सम्मानपूर्वक स्वीकार कर अपना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम स्थल बदल दिया, ताकि परिवार की बेटी का विवाह बिना किसी बाधा और पूरी खुशी के साथ संपन्न हो सके।

जामनगर के परमार परिवार में विवाह की तैयारी

23 नवंबर 2025 को जामनगर के परमार परिवार की बेटी संजना परमार का विवाह शहर के टाउन हॉल में होना तय था। घर में उत्सव का माहौल था और सभी तैयारियाँ पूरी हो रही थीं। उसी बीच सूचना मिली कि 24 नवंबर को मुख्यमंत्री का सार्वजनिक कार्यक्रम इसी टाउन हॉल में रखा गया है। कार्यक्रम के चलते सुरक्षा व्यवस्था कड़ी होनी थी, जिससे विवाह समारोह में असुविधा या अवरोध की संभावना बढ़ गई। यह बात परिवार के लिए चिंता का कारण बनी।

परिवार का निवेदन मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल तक पहुंचा

परिवार ने अपनी परेशानी मुख्यमंत्री तक पहुँचाने की कोशिश की। जब यह जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय पहुँची, तो मुख्यमंत्री ने बिना देर किए निर्देश दिया- 'हमारे कार्यक्रम का स्थल बदलो। बेटी के परिवार की चिंता, हमारी चिंता।' उनके इस निर्णय से परिवार की परेशानी तुरंत दूर हो गई।

परिवार की प्रतिक्रिया: CM भूपेंद्र पटेल की संवेदनशीलता से राहत

संजना परमार के काका, श्री ब्रिजेश परमार बताते हैं कि मुख्यमंत्री ने स्वयं परिवार से बात की और आश्वासन दिया कि विवाह यथास्थान और धूमधाम से होगा। उन्होंने कहा-

मुख्यमंत्री ने हमें कहा कि बिल्कुल चिंता मत करें। आपकी बेटी का विवाह जहाँ तय है, वहीं होना चाहिए। हमारा कार्यक्रम हम दूसरी जगह कर लेंगे। विवाह के मौसम में नया स्थल ढूँढना, मेहमानों को सूचित करना, नई व्यवस्था करना बहुत मुश्किल था। मुख्यमंत्री साहब का धन्यवाद, जिन्होंने हमारी चिंता समझकर तत्काल अपना कार्यक्रम स्थल बदल दिया। उनके एक फोन ने हमें राहत दे दी।

मानवता और नेतृत्व का सुंदर उदाहरण

यह घटना बताती है कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल न सिर्फ एक प्रभावी प्रशासक हैं, बल्कि एक संवेदनशील इंसान भी हैं। वे जनता की छोटी से छोटी परेशानी को भी महत्व देते हैं और मानवता को सर्वोपरि रखते हैं।