Vikasit Gujarat 2047: गुजरात में धरमपुर स्थित श्रीमद् राजचंद्र आश्रम में हुए 12वें चिंतन शिविर में सीएम भूपेंद्र पटेल ने अधिकारियों से कहा कि वे 'थिंकिंग वेल-डूइंग वेल' की सोच के साथ काम करें। फाइल वर्क से आगे बढ़कर फील्ड में जाकर समस्याओं को समझें। 

गांधीनगर: गुजरात को विकसित बनाने की तैयारी तेज हो गई है। शनिवार, 29 नवंबर को मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने अधिकारियों से साफ कहा है कि विकसित गुजरात@2047 के लक्ष्य तक पहुंचाना है तो काम में गति, जिम्मेदारी और संवेदना तीनों चाहिए। वलसाड जिले के धरमपुर स्थित श्रीमद् राजचंद्र आश्रम में आयोजित तीन दिवसीय 12वें चिंतन शिविर का समापन करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय है कि अधिकारी ‘थिंकिंग वेल-डूइंग वेल’ की सोच के साथ आगे बढ़ें। उन्होंने बताया कि गुजरात ने ‘अर्निंग वेल-लिविंग वेल’ के मॉडल को अपनाकर अपना रोडमैप तैयार किया है और यह शिविर उसी मॉडल को और मजबूत करने के लिए बेहद अहम है।

फाइल वर्क से संतोष न करें, फील्ड में जाएं- सीएम

सीएम पटेल ने अधिकारियों को स्पष्ट रूप से कहा कि अब विकास सिर्फ फाइलों में नहीं दिखेगा। उन्होंने कहा, फील्ड में जाएं, असली समस्याएं देखें, लोगों से मिलें और मौके पर निर्णय लें। उनके अनुसार, ऐसा करने से काम की गति कई गुना बढ़ती है और अधिकारी जमीन पर वास्तविक बदलाव देख पाते हैं। सीएम ने कहा कि अगर अधिकारी जिम्मेदारी, समर्पण और जनहित की भावना से काम करें, तभी उन्हें आत्मसंतोष भी मिलेगा और राज्य का विकास भी तेज होगा।

पीएम मोदी के शुरू किए गए चिंतन शिविर की परंपरा आज भी असरदार

सीएम पटेल ने कहा कि यह चिंतन शिविर की परंपरा नरेंद्र मोदी ने 2003 में अपने मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान शुरू की थी। उन्होंने याद दिलाया कि पहले ही शिविर में मोदी ने कहा था, 'हमारा दृष्टिकोण एकीकृत हो, गांवों को गरीबी से बाहर निकालें और एक भी परिवार गरीबी रेखा से नीचे न रहे।' सीएम ने बताया कि मोदी ने जो संकल्प दिया था, उसे आज सच कर दिखाया है। करोड़ों लोग गरीबी से बाहर आए हैं और भारत अब दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति बनने की राह पर है। गुजरात ने भी इसी विजन को अपनाया और पिछले ढाई दशक में प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 19,823 रुपए से बढ़कर 3,22,000 रुपए हो गई है।

टीम गुजरात की सामूहिक सोच से आएंगे बड़े नतीजे- सीएम

तीन दिनों तक चले इस शिविर में अधिकारियों ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की। सीएम ने कहा कि यह शिविर सिर्फ बातें करने का मंच नहीं है, बल्कि विचारों को जमीन पर उतारने की शुरुआत है। उन्होंने कहा कि टीम गुजरात को सामूहिक विचार, सामूहिक जिम्मेदारी और सामूहिक विकास के मॉडल पर काम करना चाहिए।

कुपोषण के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू होगा

सीएम पटेल ने ऐलान किया कि गुजरात में कुपोषण के खिलाफ सामूहिक अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह काम सिर्फ स्वास्थ्य विभाग का नहीं, बल्कि हर विभाग का है। उन्होंने अपेक्षा जताई कि कुपोषण के खिलाफ यह कदम पूरे समाज में सकारात्मक बदलाव लाएगा।

अगले चिंतन शिविर तक दिखने चाहिए जमीन पर नतीजे

सीएम ने अधिकारियों को कहा कि इस शिविर में जो भी सुझाव आए हैं, वे सिर्फ कागजों में न रहें। उन्होंने उम्मीद जताई कि उनका समय-समय पर मूल्यांकन होगा, असल क्रियान्वयन होगा और अगले शिविर में और बड़ी उपलब्धियां लेकर आएंगे। उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में हर विभाग को और तेजी से काम करना होगा ताकि विकास की रफ्तार मजबूत बने।

उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी का संदेश- विचार आर्काइव में नहीं, जमीन पर दिखाई दें

उप मुख्यमंत्री हर्ष संघवी ने शिविर में अधिकारियों को कहा कि तीन दिनों की चर्चाएं बेहद पारदर्शी और सार्थक थीं। उन्होंने आग्रह किया कि शिविर के विचार सचिवालय तक ही न रहें, जिला और तालुका स्तर तक पहुंचें और जनता को इसका सीधा लाभ मिले। उन्होंने यह भी कहा कि अधिकारी इस शिविर से कुछ नया सीखकर पूरे मन से लोगों के कल्याण के लिए काम करें।

शिविर का समापन

शिविर के समापन कार्यक्रम में राज्य मंत्रिमंडल के सदस्य, मुख्य सचिव एमके दास, मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार डॉ. हसमुख अढिया, वरिष्ठ सचिव, जिला कलेक्टर, जिला विकास अधिकारी सहित बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद थे। प्रशासनिक सुधार एवं प्रशिक्षण प्रभाग के सचिव हारित शुक्ला ने आखिरी में सभी का आभार व्यक्त किया और शिविर की सफलता पर बधाई दी।