सार
उत्तराखंड के उधमसिंह नगर जिले में एक व्यक्ति को मृत मानकर उसकी जगह किसी और के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया था। उसके जीवित मिलने पर घरवालों ने उसके बचपन से शादी तक के सभी संक्कार फिर से कराए।
उधमसिंह नगर। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में एक अजीबोगरीब लेकिन सुखद एहसास देने वाला मामला सामने आया है। यहां एक घर की खुशियां जो छिन गई थी, वापस आ गई है। जी हां, एक व्यक्ति जिसे मृत घोषित कर दिया गया था, यहां तक कि उसका परिजनों ने अंतिम संस्कार तक कर दिया था। वह जीवित पाया गया है जिससे परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई।
नवीन की जगह अज्ञात शव का कर दिया था अंतिम संस्कार
42 वर्षीय इस व्यक्ति के जीवित लौटने पर परिवार वालों का कहना है कि यह पुनर्जन्म से कम नहीं है। ऐसे में व्यक्ति का फिर से नामकरण किया गया और उसकी पत्नी से पुनर्विवाह किया गया। उनके परिवार ने अनजाने में एक अज्ञात शव का अंतिम संस्कार कर दिया। यह मानते हुए कि वह नवीन का शव है।
परिवार ने किया रिवाज का पालन
परिवार ने पुराने पारंपरिक विचारों और रिवाजों का पालन किया है। यहां परंपरा है कि जिस व्यक्ति को मृत घोषित कर दिया गया हो वह जीवित पाया जाता है तो यह पुनर्जन्म के समान ही माना जाता है। इसलिए गुरुवार को उन्होंने व्यक्ति का नामकरण समारोह से लेकर जनेऊ संस्कार तक सभी कार्यक्रम आयोजित किए गए। यहां की लोकल भाषा में इसे पवित्र धागा समारोह भी कहते हैं।
खटीमा शहर के श्रीपुर बिछवा के 42 वर्षीय नवीन चंद्र भट्ट को एक साल से अधिक समय तक घर से लापता रहने के बाद 25 नवंबर को कुछ परिस्थितियों के चलते मृत मान लिया गया था। चंपावत के बनबसा घाट पर, उनके परिवार ने अनजाने में एक अज्ञात शव को नवीन का मानकर अंतिम संस्कार कर दिया था।
जन्म से विवाह तक के सारे संस्कार फिर से कराने का निर्णय
गांव के पूर्व प्रधान रमेश महार का कहना है कि नवीन के जीवित देखकर बेहद खुशी हो रही है। भगवान के इस चमत्कार पर गांव के बुजुर्गों और पुजारियों ने निर्णय लिया कि शुद्धिकरण के लिए जन्म से लेकर विवाह तक नवीन के सारे संस्कार फिर से कराए जाएंगे। इसके बाद नवीन का नया नाम नारायण भट्ट हो गया और उसका उसकी पत्नी से ही दोबारा विवाह कराया गया।