अस्पताल में इलाज करने के बजाय एक डॉक्टर ने बिस्तर पर लेटे मरीज को बेरहमी से पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद मरीज के घरवालों और स्थानीय लोगों ने अस्पताल में विरोध प्रदर्शन किया।
शिमलाः अस्पताल के बिस्तर पर लेटे एक मरीज को डॉक्टर ने इलाज करने के बजाय बेरहमी से पीटा। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है, जिसके बाद मरीज के रिश्तेदार और स्थानीय लोग अस्पताल पहुंचकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने मरीज पर हमला करने वाले डॉक्टर को तुरंत नौकरी से निकालने की मांग की है। यह घटना हिमाचल प्रदेश के शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) अस्पताल में हुई। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों में भारी गुस्सा है।
डॉक्टर की बर्बरता देख मंत्री भी हैरान, कहा- एक्शन लेंगे
यह घटना बीते रविवार को हुई। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनी राम शांडिल ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए आरोपी के खिलाफ सख्त कार्रवाई का भरोसा दिया है। पीड़ित मरीज के मुताबिक, डॉक्टर ने उसके साथ बदतमीजी से बात की। जब मरीज ने उसे सम्मान से बात करने के लिए कहा, तो डॉक्टर ने उस पर हमला कर दिया। मरीज के साथ मौजूद लोगों ने बताया कि इस घटना का वीडियो रिकॉर्ड कर लिया गया था, जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वीडियो वायरल होते ही मरीज के परिवार वाले और उनके समर्थक अस्पताल परिसर में इकट्ठा हो गए और आरोपी डॉक्टर को तुरंत गिरफ्तार कर सस्पेंड करने की मांग करने लगे। स्वास्थ्य मंत्री धनी राम शांडिल ने कहा कि डॉक्टरों का ऐसा बर्ताव बर्दाश्त नहीं किया जा सकता और यह मेडिकल पेशे के नैतिक मूल्यों के बिल्कुल खिलाफ है। मरीज पर बेरहमी से हमला करने वाले डॉक्टर की पहचान डॉ. सार के रूप में हुई है, जो फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के विशेषज्ञ हैं। अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि उन्हें इस घटना के संबंध में समन जारी किया गया है।
मंत्री ने कहा, "डॉक्टरों का ऐसा व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मामले में पूछताछ के लिए स्वास्थ्य सचिव, IGMC के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और प्रिंसिपल को बुलाया गया है। इस पर विस्तृत जांच की जाएगी और यह सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।"
IGMC के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और प्रिंसिपल तलब
सरकारी कार्रवाई के तहत, इस मामले के संबंध में IGMC के मेडिकल सुपरिटेंडेंट और प्रिंसिपल को सचिवालय बुलाया गया है। इस बीच, पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता जय राम ठाकुर ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण और चिंताजनक बताया है। उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं सरकारी स्वास्थ्य संस्थानों में पेशेवर व्यवहार को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा करती हैं। ठाकुर ने मुख्यमंत्री से इस मामले में व्यक्तिगत रूप से ध्यान देकर निष्पक्ष जांच का आदेश देने का आग्रह किया है। साथ ही, उन्होंने IGMC प्रशासन को भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सुरक्षा उपाय करने का निर्देश देने की भी मांग की है। अस्पताल प्रशासन ने अभी तक इन आरोपों पर कोई विस्तृत बयान नहीं दिया है। मामला अभी जांच के दायरे में है।
