गुजरात सरकार ने ‘जनविश्वास (संशोधन) विधेयक-2025’ पारित किया। 516 प्रावधान अपराधमुक्त कर छोटे अपराधों पर कैद की सजा हटाई जाएगी। इससे ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, MSME और स्टार्टअप्स को बड़ा फायदा मिलेगा।

गांधीनगर, 09 सितंबर : प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के दृष्टिवान नेतृत्व और मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल के दिशानिर्देशन में गुजरात सरकार ने विकसित भारत@2047 की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है।

वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट और पॉलिसी ड्रिवन गवर्नेंस की वजह से आज गुजरात विश्वभर के निवेशकों की पहली पसंद बन चुका है। राज्य सरकार का उद्देश्य है कि ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ को बढ़ावा देकर अर्निंग वेल, लिविंग वेल की सोच को साकार किया जाए।

विधानसभा में प्रस्तुत हुआ गुजरात जनविश्वास (संशोधन) विधेयक-2025

15वीं गुजरात विधानसभा के सातवें सत्र के दूसरे दिन उद्योग मंत्री श्री बलवंतसिंह राजपूत ने सदन में ‘गुजरात जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक-2025’ प्रस्तुत किया।

यह विधेयक मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल की सरकार के सरलता और पारदर्शिता की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके माध्यम से कानूनों के पालन को आसान, कर व्यवस्था को डिजिटल और व्यापार को सरल बनाया जाएगा। साथ ही, यह न्यायपालिका पर बोझ कम करने में भी मददगार साबित होगा।

स्थिर नीतियों और व्यावसायिक माहौल पर जोर

उद्योग मंत्री श्री राजपूत ने बताया कि किसी भी देश के विकास के लिए स्थिर नीतियां और अच्छा व्यावसायिक माहौल बेहद जरूरी है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में केन्द्र सरकार ने हमेशा कानूनों को आधुनिक, लचीला, पीपल फ्रेंडली और विश्वास आधारित बनाने पर बल दिया है।

साल 2023 में केन्द्र सरकार ने जनविश्वास अधिनियम लागू किया था, जिसके तहत कम्प्लायंसेज कम करने की दिशा में 40 हजार से अधिक बदलाव किए गए। हाल ही में संसद में जनविश्वास विधेयक 2.0 भी प्रस्तुत हुआ है। गुजरात सरकार ने इसका गहन अध्ययन कर अपना जनविश्वास (संशोधन) विधेयक-2025 तैयार किया है।

अपराधमुक्त किए जाएंगे 516 प्रावधान

मुख्यमंत्री श्री भूपेंद्र पटेल ने हमेशा क्वांटम जंप वाले सुधार करने पर बल दिया है। इस विधेयक का उद्देश्य भी यही है। राज्य सरकार के 6 विभागों और 11 कानूनों-नियमों के तहत 516 प्रावधानों को अपराधमुक्त (डिक्रिमिनलाइज्ड) किया जाएगा।

  • एक प्रावधान से कैद की धारा हटेगी
  • 17 प्रावधानों में कैद या फाइन को पेनल्टी में बदला जाएगा
  • 498 प्रावधानों में फाइन को पेनल्टी में बदला जाएगा

इसके अलावा, 8 कानूनों में अधिकारियों को उल्लंघन के मामलों में राशि स्वीकार करने का प्रावधान जोड़ा जाएगा।

कम गंभीर भूलों पर अब नहीं होगी कैद

इस विधेयक में छोटे और कम गंभीर उल्लंघनों पर कैद की सजा हटाकर वित्तीय पेनल्टी का प्रावधान किया गया है। इसका उद्देश्य है कि लोगों में कानून पालन की आदत बने, लेकिन उन्हें अनावश्यक भय का सामना न करना पड़े। शहरी विकास, श्रम एवं कौशल विकास, नर्मदा व जल संसाधन, उद्योग एवं खान, कृषि एवं सहकारिता और वित्त विभाग जैसे क्षेत्रों में ये बदलाव लागू होंगे।

स्टार्टअप्स और MSME को मिलेगा बड़ा लाभ

यह विधेयक विशेष रूप से स्टार्टअप्स और एमएसएमई सेक्टर के लिए फायदेमंद होगा। छोटी भूलों के लिए अब उन्हें फौजदारी कार्रवाई के डर के बिना अपना व्यवसाय आगे बढ़ाने का मौका मिलेगा। इससे गुजरात में MSME इकोसिस्टम मजबूत होगा और उद्यमियों को विकास के बेहतर अवसर मिलेंगे।

सरकार और नागरिकों के बीच विश्वास को मजबूत करना

उद्योग मंत्री ने कहा कि इस विधेयक का उद्देश्य केवल नियम सुधार नहीं, बल्कि सरकार और नागरिकों के बीच ट्रस्ट बेस्ड गवर्नेंस को बढ़ावा देना है। इसके माध्यम से:

  • फाइलिंग में देरी और लाइसेंस नवीनीकरण की समस्याएं कम होंगी
  • छोटे उल्लंघनों पर फौजदारी आरोपों से राहत मिलेगी
  • न्यायपालिका पर बोझ कम होगा
  • सुधारात्मक कदमों को प्राथमिकता मिलेगी

गुजरात अन्य राज्यों से आगे

राज्य स्तर पर जनविश्वास कानून पारित करने वाले अन्य राज्यों की तुलना में गुजरात ने सबसे अधिक कानूनों और प्रावधानों में सुधार किया है। यह विधेयक गुजरात में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग दोनों को गति देगा।

'गुजरात जनविश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक-2025' न केवल व्यापार और निवेश को बढ़ावा देगा, बल्कि छोटे अपराधों को आपराधिक श्रेणी से बाहर निकालकर राज्य के विकास में बड़ा कदम साबित होगा। यह विधेयक गुजरात की पहचान को और मजबूत करेगा और राज्य को देश के लिए एक रोल मॉडल के रूप में स्थापित करेगा।