सार
हिमाचल प्रदेश के सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने शनिवार को 58 हजार 444 करोड़ रुपए का बजट पेश किया। इस बजट से हर वर्ग को खुश करने की कोशिश की गई है। आईये जानते हैं बजट में किसको क्या मिला है।
सीएम सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा पेश किए गए बजट में 2024-25 में राजस्व प्राप्तियां 42,153 करोड़ रुपये का अनुमान है। वहीं कुल राजस्व व्यय 46,667 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस प्रकार कुल राजस्व घाटा 4,514 करोड़ रुपये अनुमानित है। इस बजट में वेतन पर 25 प्रतिशत, पेंशन पर 17 प्रतिशत, ब्याज अदायगी पर 11 प्रतिशत, ऋण अदायगी पर 9 प्रतिशत, स्वायत्त संस्थानों के लिए ग्रांट पर 10 प्रतिशत और शेष 28 रुपये पूंजीगत कार्यों सहित अन्य गतिविधियों पर खर्च किए जाएंगे।
बजट में हुई बड़ी घोषणाओं पर एक नजर...
- जनवरी 2016 से 31 दिसंबर 2021 के बीच सेवानिवृत हुए लीव एनकैशमेंट और ग्रेच्युटी से संबंधित एरियर का भुगतान 1 मार्च 2024 से चरणबद्ध तरीके से शुरू हो जाएगा।
- सभी कर्मचारियों और पेंशनरों के वेतन तथा पेंशन से संबंधित एरियर का भुगतान चरणबद्ध ढंग से 1 मार्च 2024 से शुरू कर दिया जाएगा।
- 1 अप्रैल 2024 से चार प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ते की किश्त जारी कर दी जाएगी।
- 1 अप्रैल 2024 के बाद प्रदेश के कर्मचारी अपने सेवाकाल में कम से कम दो बार एलटीसी की सुविधा मिलेगी।
- दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ोतरी के साथ 400 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी मिलेगी।
- आउटसोर्स कर्मियों को अब न्यूनतम 12,000 रुपये प्रतिमाह मिलेंगे।
- पंचायत वैटनरी असिसटेंट को मिलने वाले 7000 रुपये प्रतिमाह को बढ़ाकर 7500 किया जाएगा।
- सभी सहकारी सभाओं का ऑनलाइन पंजीकरण किया जाएगा।
- आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को अब 10000 रुपये मासिक, मिनी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 7000 रुपये, सहायिका को 5500, आशा वर्कर 5500 मिलेंगे।
- मिड-डे मील वर्कर्ज 4,500, जलवाहक (शिक्षा विभाग) 5000, जल रक्षक 5300, जल शक्ति विभाग के बहुउद्देश्यीय कार्यकर्ता को 5000 मिलेंगे।
- पैरा फिटर तथा पंप ऑपरेटर 6300, दिहाड़ीदारों को 25 रुपये बढ़ोतरी के साथ 400 रुपये प्रतिदिन दिहाड़ी, आउटसोर्स कर्मीअब न्यूनतम 12,000, पंचायत चौकीदार को 8000, राजस्व चौकीदार को 5800 मिलेंगे।
- राजस्व लंबरदार 4200 रुपये, इसके साथ सिलाई अध्यापिकाओं के मानदेय में 500, एसएमसी अध्यापकों के मानदेय में 1900 रुपये, आईटी शिक्षकों को 1900 , एसपीओ को 500 रुपये प्रतिमाह बढ़ोतरी दी जाएगी।
- 2061 वन बीटों में एक-एक वन मित्र की नियुक्ति की जाएगी।
- वन विभाग में वन रक्षक 100 रिक्त पदों को भरा जाएगा।
- भूतपूर्व सैनिकों को मिलने वाली आर्थिक सहायता की राशि को 3000 रुपये से बढ़कर 5000 रुपये किया गया।
- पुलिस कर्मियों की डाइट मनी बढ़कर 1000 रुपये की गई।
- सभी वाहनों की फिटनेस स्वचालित परीक्षण केंद्र के माध्यम से अनिवार्य होगी।
- बगलामुखी रोपवे का निर्माण कार्य पूरा करके इसी वर्ष में इसे प्रदेश की जनता को समर्पित कर दिया जाएगा।
- 10 वन मंडलों में लगभग 13 हजार खैर के पेड़ काटने की योजना है।
- खेलों के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 2024-25 में नई खेल नीति बनाएगी।
- ओलंपिक में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने पर पुरस्कार राशि को 3 करोड़ से बढ़ाकर 5 करोड़ रुपये, रजत पदक के लिए 2 करोड़ से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक के लिए 1 करोड़ से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये किया है।
- एशियन खेलों में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर पुरस्कार राशि को 50 लाख से बढ़ाकर 4 करोड़ रुपये, रजत पदक के लिए 30 लाख से बढ़ाकर 2.05 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक के लिए 20 लाख से बढ़ाकर 1.03 करोड़ रुपये किया।
- कॉमनवेल्थ में व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक प्राप्त करने पर पुरस्कार राशि को 50 लाख से बढ़ाकर 3 करोड़ रुपये, रजत पदक के लिए 30 लाख से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये तथा कांस्य पदक के लिए 20 लाख से बढ़ाकर 1 करोड़ रुपये किया।
- 70 वर्ष से अधिक आयु के आयकर नहीं दे रहे सभी वृद्धों को मुफ्त चिकित्सा सुविधा मिलेगी।
- मुख्यमंत्री सुख शिक्षा योजना के अंतर्गत प्रदेश में ऐसी सभी विधवाओं के 27 साल तक की आयु वाले बच्चों की शिक्षा पर होने वाला व्यय प्रदेश सरकार वहन करेगी।
- विधवा, निराश्रित, तलाकशुदा और दिव्यांग माता-पिता के सभी पात्र बच्चों के आरडी खाते में 18 वर्ष की आयु तक 1 हजार रुपये प्रतिमाह दिए जाएंगे।
- वृद्धावस्था, विधवा, एकल नारी, दिव्यांग, कुष्ठ रोगी पेंशन के 40 हजार नए पात्र लाभार्थियों को इस योजना में शामिल किया जाएगा।
- सरकारी स्कूलों में इस वर्ष छह हजार प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती किए जाएंगे।
- पात्र आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को भी शिक्षक बनने का अवसर मिलेगा।
- प्रदेश में शिक्षा क्षेत्र की मजबूती के लिए सबसे ज्यादा 9,560 कराेड़ रुपये के बजट का मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने बजट भाषण में एलान किया।
- 850 शिक्षण संस्थानों को इंस्टीट्यूट ऑॅफ एक्सीलेंस का दर्जा दिया जाएगा। 500 प्राइमरी, 100 हाई, 200 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों और 50 कॉलेजों को इसमें शामिल किया जाएगा।