सार
सर्जरी के दौरान जांच के लिए एक सैंपल कर्नाटक के बैंगलुरु में महज 15 मिनट में 37 किलोमीटर दूर भेज दिया गया। ड्रोन के माध्यम से कम समय में हुई जांच से डॉक्टरों की टीम में भी उत्साह नजर आया।
बैंगलुरु. ड्रोन के माध्यम से खेती ही नहीं बल्कि अब मेडिकल फेसिलिटी भी मिलने लगी है। ऐसा ही एक वाक्या कर्नाटक के बैंगलुरु में हुआ। एक सर्जरी के दौरान एक अस्पताल से नमूना दूसरे स्थान पर भेजा गया। अच्छी बात यह है कि जिस सेंपल को पहले भेजने में एक घंटे से अधिक का समय लगता था। वही सेंपल ड्रोन की सहायता से महज 15 से 20 मिनट में पहुंच गया।
मेडिकल कॉलेज भेजा सैंपल
जानकारी के अनुसार बुधवार को कर्नाटक के एक अस्पताल से इंट्राऑपरेटिव सर्जिकल बायोस्पेसिमेन को कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज मणिपाल एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन मणिपाल ले जाया गया। इतनी दूर सैंपल भेजने में सड़क मार्ग से करीब एक घंटा लगता था। लेकिन ड्रोन के माध्यम से महज 15 से 20 मिनट में ये नमूना पहुंच गया। वह भी थोड़ा बहुत दूर नहीं बल्कि 37 किलोमीटर दूर।
ड्रोन के माध्यम से 37 किमी दूर भेजा
दरअसल आईसीएमआर ने ड्रोन के माध्यम से ऑन्को-पैथोलॉजिकल नमूनों को यहां से वहां भेजने का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। इस ट्रायल रन में आईसीएमआर की आई-ड्रोन पहल के तहत आयोजित किया गया था। ड्रोन के माध्यम से अस्पताल में भर्ती मरीज से शल्य चिकित्सा द्वारा निकाले गए इंट्राऑपरेटिव सर्जिकल बायोस्पेसिमेन को 37 किमी की दूरी भेजा गया।
टीम का रहा सहयोग
इस काम के लिए डॉक्टर्स की पूरी टीम सहित मेडिकल स्टॉफ पर पूरा सहयोग रहा। जिसकी वजह से चंद मिनटों में सैंपल को मेडिकल कॉलेज भेजकर उसकी जांच करवाकर सर्जरी की गई। इस परीक्षण के कारण आगे के रास्ते भी खुल गए हैं। अब जरुरत पड़ने पर ड्रोन के माध्यम से ही सैंपल भेजकर रिपोर्ट मंगवाई जा सकेगी।
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परीक्षण कर तुरंत भेजी रिपोर्ट
मेडिकल कॉलेज में सैंपल पहुंचते ही जांच रिपोर्ट तत्काल भेज दी गई। जिससे तुरंत सर्जरी की गई। ऐसा परीक्षण संभवता देश में पहली बार किया गया है। जिससे निश्चित ही इमरजेंसी में मरीजों की जान बचाई जा सकेगी।
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