सार

दल खालसा के संस्थापक और पूर्व खालिस्तानी नेता जसवंत सिंह ने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि अमृतपाल खालिस्तान के बारे में कुछ नहीं जानता। आईएसआई उसे औजार की तरह इस्तेमाल कर रही है।

नई दिल्ली। दल खालसा के संस्थापक और पूर्व खालिस्तानी नेता जसवंत सिंह ने ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के मुखिया अमृतपाल सिंह पर बड़ा हमला बोलते हुए कहा है कि अमृतपाल खालिस्तान के बारे में कुछ नहीं जानता। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई उसे औजार की तरह इस्तेमाल कर रही है। वह खालिस्तानी नहीं है, पर इतना तय है कि उसने खालिस्तान के नाम पर बहुत कमाया है। उसके मंसूबे आगे कामयाब नहीं होंगे। आपको बता दें कि 23 फरवरी को अमृतपाल सिंह अमृतसर के अजनाला थाने में पुलिस झड़प के बाद सुर्खियों में आया था।

खालिस्तान का असल दुश्मन पाकिस्तान

एक न्यूज एजेंसी से बातचीत में जसवंत सिंह ने कहा कि आईएसआई हमेशा अमृतपाल का इस्तेमाल नहीं करेगी, जब वह उनके लिए मददगार साबित नहीं होगा तो आईएसआई उसकी जगह किसी और को पकड़ेगी। पाकिस्तान य​ह बात अच्छी तरह जातना है कि यदि खालिस्तान बना तो लाहौर उनका अगला टारगेट होगा। इसलिए पाकिस्तान ऐसा कभी नहीं होने देगा। खालिस्तान का असल दुश्मन पाकिस्तान है, भारत नहीं।

भगवंत मान सरकार निपटने में सक्षम नहीं

पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर खालिस्तान समर्थकों से नरमी बरतने का आरोप लगाते हुए जसवंत ने कहा कि भगवंत मान सरकार खालिस्तानियों से निपटने में सक्षम नहीं है। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई ना कर मूवमेंट को फिर सक्रिय होने में मदद कर रही है।

लोगों को गुमराह करने का प्रयास

उन्होंने भारत द्वारा प्रतिबंधित संगठन द्वारा पश्चिमी देशों में खालिस्तान जनमत संग्रह के प्रयासों को "पाखंड" करारते हुए कहा कि यह लोगों को गुमराह करने का प्रयास है। भारतीय सिखों से इसका कोई लेना-देना नहीं है। यह आईएसआई की करतूत है, पाकिस्तान सरकार के हाथोंं मे कुछ सिख औजार के रूप में काम कर रहे हैं। आईएसआई के निर्देश पर एक संगठन ऐसा कर रहा है। कनाडा, अमेरिका या ब्रिटेन के नागरिक वोट कर रहे हैं, जिन्हें इसका कोई अधिकार नहीं है। यदि भारतीय नागरिक इसकी मांग करते तो समझ में आता।

ऐसे खत्म हो जाएगा मूवमेंट

जसवंत सिंह ने कहा कि खालिस्तान नेताओं की मांगें यदि सरकार मान लेती है तो यह मूवमेंट ही खत्म हो जाएगा और देश को भी कोई हानि नहीं होगी। सिख राजनीतिक कैदियों की रिहाई और सिखों को धारा 25बी-2 से हटाने की मांग पूरी की जा सकती है।

पीएम नरेन्द्र मोदी की सराहना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यों की सराहना करते हुए जसवंत ने कहा कि उन्होंने ब्लैकलिस्ट को समाप्त किया, करतारपुर कॉरिडोर खोलने के अलावा छोटे साहिबजाद के बारे में बात की। वह इस समुदाय का सम्मान करते हैं। सरकार ने अफगानिस्तान से गुरु ग्रंथ साहिब को पूरे सम्मान के लिए साथ वापस लाने के लिए विशेष इंतजाम किए। उन्होंने सीएए कानून पर कहा कि इससे समुदाय को लाभ होगा।