सार

उज़्बेकिस्तान में खांसी की मेडिसिन के विवाद के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को एक और भारत निर्मित कफ सिरप को दूषित बताया है। भारतीय कंपनी द्वारा ​बनाया गया यह कफ सिरप मार्शल द्वीप व माइक्रोनेशिया में दूषित पाया गया है।

नई दिल्ली। उज़्बेकिस्तान में खांसी की मेडिसिन के विवाद के बाद अब विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने मंगलवार को एक और भारत निर्मित कफ सिरप को दूषित बताया है। यह कफ सिरप भारतीय कंपनी द्वारा ​बनाया गया है और मार्शल द्वीप व माइक्रोनेशिया में दूषित पाया गया है।

पंजाब की क्यूपी फार्माकेम लिमिटेड कंपनी बनाती है कफ सिरप

WHO ने इसको लेकर मेडिकल अलर्ट जारी किया है। जिसमें भारत में बनी गुएफेनेसिन कफ सिरप को दूषित बताया है। साथ ही यह भी जानकारी दी है कि इस कफ सिरप का उत्पादन पंजाब की क्यूपी फार्माकेम लिमिटेड कंपनी करती है। कफ सिरप के नमूनों में "डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की मात्रा ज्यादा पाई गई, जो मनुष्यों के लिए जहरीला रसायन है और इसका सेवन नुकसानदायक साबित हो सकता है। यह कफ सिरप खांसी के लक्षणों को दूर करने के लिए प्रयोग में लाया जाता है। WHO को इस घटिय सिरप की सूचना 6 अप्रैल को दी गई थी। ऐसे ही सिरप के इस्तेमाल से गाम्बिया और उज्बेकिस्तान में कई बच्चों की मौत हो गई थी।

कंबोडिया भेजी गई सिरप की नकल

हालांकि क्यूपी फार्मा केम लिमिटेड के एमडी सुधीर पाठक का कहना है कि पंजाब सरकार के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन को इस बात का संदेह है कि किसी ने भारत सरकार को बदनाम करने के मकसद से कंबोडिया भेजी गई दवा की नकल की है। फिर इस कफ सिरप को मार्शल द्वीप व माइक्रोनेशिया में बेच दिया। एफडीए ने कंबोडिया भेजे गए कफ सिरप के सैंपल लिए हैं, ताकि उनकी जांच की जा सके।

कफ सिरप को सिर्फ कंबोडिया भेजे जाने की मिली थी मंजूरी

जानकारी के अनुसार, WHO ने जिस कफ सिरप की क्वालिटी पर सवाल खड़े किए हैं। उस सिरप को सिर्फ कंबोडिया ही भेजे जाने की मंजूरी मिली थी। फिर सवाल यह उठता है कि यह कफ सिरप माइक्रोनेशिया तक कैसे पहुंच गया। इस बारे में कोई जानकारी नहीं है। भारतीय बाजार में भी यह सिरप मौजूद है।