सार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 मई को गुजरात के दौरे पर हैं। मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब 13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव-2023 का रिजल्ट आना है। कर्नाटक में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने का अनुमान लगाया गया है।
अहमदाबाद. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 12 मई को गुजरात के दौरे पर हैं। मोदी का यह दौरा ऐसे समय में हो रहा है, जब 13 मई को कर्नाटक विधानसभा चुनाव-2023 का रिजल्ट आना है। कर्नाटक में किसी भी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलने का अनुमान लगाया गया है। हालांकि भाजपा आश्वस्त है कि कर्नाटक एग्जिट पोल भी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तरह फेल साबित होंगे।
शिक्षा संघ के अधिवेशन में बोले मोदी
गांधीनगर में अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन में मोदी ने कहा-जब भारत विकसित होने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है ऐसे में शिक्षकों की भूमिका और बढ़ जाती है...एक ज़माने में गुजरात में ड्रॉप आउट रेट 40% के आसपास रहता था लेकिन आज यह 3% रह गया है। यह गुजरात के शिक्षकों के सहयोग से ही हो पाया है।
गुजरात में शिक्षकों के साथ मेरे जो अनुभव रहे, उसने राष्ट्रीय स्तर पर भी नीतियां बनाने में हमारी काफी मदद की है। जैसे- स्कूलों में शौचालय न होने के कारण बड़ी संख्या में बेटियां स्कूल छोड़ देती थीं। इसलिए हमने विशेष अभियान चलाकर स्कूलों में बेटियों के लिए अलग से शौचालय बनवाए।
पहली भूटान यात्रा
प्रधानमंत्री बनने के बाद मेरी पहली विदेश यात्रा भूटान की हुई थी और भूटान राज परिवार के सीनियर ने मुझे गर्व से बताया कि मेरी पीढ़ी के जितने लोग भूटान में हैं, उन सब को हिंदुस्तान के शिक्षकों ने पढ़ाया-लिखाया है। ऐसे ही जब मैं सऊदी अरब गया तो वहां के किंग ने मुझसे कहा कि मैं तुम्हें बहुत प्यार करता हूं क्योंकि बचपन में मेरा शिक्षक तुम्हारे देश का था… तुम्हारे गुजरात का था।
सबसे अच्छा तरीका ये है कि इन चुनौतियों को personal और professional growth अवसर के तौर पर देखा जाए। ये चुनौतियां हमें learn, unlearn और re-learn करने का मौका देती हैं।
छात्रों के पास Information के अलग-अलग स्रोत हैं। इसने भी शिक्षकों के सामने खुद को update रखने की चुनौती पेश की है। इन चुनौतियों को एक टीचर कैसे हल करता है, इसी पर हमारी शिक्षा व्यवस्था का भविष्य निर्भर करता है।
आज की पीढ़ी के छात्रों की जिज्ञासा, उनका कौतूहल, एक नया चैलेंज लेकर आया है। ये छात्र आत्मविश्वास से भरे हैं, वो निडर हैं। उनका स्वभाव टीचर को चुनौती देता है कि वो शिक्षा के पारंपरिक तौर-तरीकों से बाहर निकलें।
जब information की भरमार हो तो छात्रों के लिए ये महत्वपूर्ण हो जाता है कि वे कैसे अपना ध्यान केंद्रित करे...ऐसे में Deep learning और उसे logical conclusion तक पहुंचाना बहुत महत्वपूर्ण हो जाता है। इसलिए 21वीं सदी के छात्र के जीवन में शिक्षक की भूमिका और ज्यादा बृहद हो गई है।
आप सोचते होंगे कि आप गणित, विज्ञान या कोई अन्य विषय पढ़ा रहे हैं, लेकिन छात्र आपसे सिर्फ वो विषय नहीं सीख रहा। वो ये भी सीख रहा है कि अपनी बात कैसे रखनी चाहिए। वो आपसे धैर्य रखने, दूसरों की मदद करने जैसे गुण भी सीख रहा है।
आज भारत, 21वीं सदी की आधुनिक आवश्कताओं के मुताबिक नई व्यवस्थाओं का निर्माण कर रहा है। 'नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति' इसी को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। हम इतने वर्षों से स्कूलों में पढ़ाई के नाम पर अपने बच्चों को केवल किताबी ज्ञान दे रहे थे। 'नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति' उस पुरानी अप्रासंगिक व्यवस्था को परिवर्तित कर रही है।
गुजरात में डेवलपमेंट प्रोजेक्ट और मोदी
गांधीनगर में 2450 करोड़ रुपये से अधिक लागत वाली विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास। इनमें शहरी विकास विभाग, जलापूर्ति विभाग, सड़क और यातायत विभाग तथा खान और खनिज विभाग की परियोजनाएं शामिल हैं।
ये हैं प्रोजेक्ट्स-बनासकांठा जिले की बहुग्रामीण पेयजल आपूर्ति योजनाएं, अहमदाबाद में नदी पर ओवरब्रिज, नारोदा जीआईडीसी में अपशिष्ट जल संग्रहण नेटवर्क, मेहसाणा व अहमदाबाद में सीवर ट्रीटमेंट संयंत्र, दाहेगाम में प्रेक्षागृह।
इनकी नींव-जूनागढ़ जिले में बल्क पाइपलाइन परियोजना, गांधीनगर जिले में जलापूर्ति योजनाओं को बढ़ाना, फ्लाईओवर ब्रिज, नये जल वितरण स्टेशन, विभिन्न शहरी सड़कों का निर्माण आदि।
प्रधानमंत्री पीएमएवाई (ग्रामीण और शहरी) परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास। इसी योजना के तहत निर्मित लगभग 19 हजार मकानों का गृहप्रवेश। इन परियोजनाओं की कुल लागत लगभग 1950 करोड़ रुपये है।
गिफ्ट सिटी में प्रधानमंत्री-‘गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी’ (गिफ्ट सिटी), गांधीनगर का दौरा। गिफ्ट सिटी में चलने वाली विभिन्न परियोजनाओं की स्थिति की समीक्षा। गिफ्ट-आईएफएससी संस्थाओं के साथ बातचीत।
अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन- अखिल भारतीय शिक्षा संघ अधिवेशन, जो अखिल भारतीय प्राथमिक शिक्षक परिसंघ का 29वां द्विवार्षिक सम्मेलन है। इस सम्मेलन की विषयवस्तु ‘टीचर्स आर एट दी हार्ट ऑफ ट्रांसफॉर्मिंग एडूकेशन’ (शिक्षा को परिवर्तित करने में शिक्षकों की केंद्रीय भूमिका) है।
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