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सिक्किम में धमाकेदार जीत के नायक बनकर ऊभरे तमांग, जानें कौन ये शख्स जिसने जेल से निकलकर रचा इतिहास?
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सिक्किम में विधानसभा चुनाव 2024
सिक्किम में विधानसभा चुनाव 2024 के नतीजे एक बार फिर सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के पाले में जाती दिखाई दे रही है। रुझानों में पार्टी धमाकेदार जीत की तरफ बढ़ती हुई दिखाई दे रही है।
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM)
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) ने कुल 32 विधानसभा सीटों में से 31 पर बढ़त बना रखी है।एक सीट पर SDF आगे है। वहीं बीजेपी और कांग्रेस अपना खाता खोलने में भी नाकाम रही है।
SKM के लिए इस जीत का मतलब
सिक्किम में अगर मौजूदा रुझान नतीजों में बदलते हैं तो SKM के लिए इस जीत का मतलब होगा कि सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग अपने लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए तैयार हो जाएंगे।
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) के अध्यक्ष PS गोले उर्फ प्रेम सिंह तमांग
सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (SKM) के अध्यक्ष PS गोले उर्फ प्रेम सिंह तमांग ने 2019 में 17 सीटें हासिल करके राज्य में 24 से अधिक साल तक सत्ता में रहने के बाद चामलिंग सरकार को सत्ता से बेदखल कर दिया था। इस बार वह 32 में से 31 सीटों पर जीत हासिल करते नजर आ रहे हैं।
SDF के संस्थापक सदस्य रहे प्रेम सिंह तमांग
SDF के संस्थापक सदस्य रहे प्रेम सिंह तमांग ने पूर्व मुख्यमंत्री के खिलाफ बगावत कर 2013 में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा बनाया था। उन्होंने SDF पर भ्रष्टाचार और कुशासन का आरोप लगाया था।
म सिंह तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 में हुआ
नेपाली माता-पिता कालू सिंह तमांग और धान माया तमांग के बेटे प्रेम सिंह तमांग का जन्म 5 फरवरी 1968 में हुआ था। उन्होंने दार्जिलिंग के एक कॉलेज से BA किया और एक सरकारी स्कूल में शिक्षक के रूप में काम करना शुरू किया।
तमांग ने समाज सेवा के लिए तीन साल की सेवा के बाद सरकारी नौकरी छोड़ दी
तमांग ने समाज सेवा के लिए तीन साल की सेवा के बाद सरकारी नौकरी छोड़ दी और फिर SDF में शामिल हो गए। उनकी तीन दशक की राजनीतिक यात्रा काफी उतार चढ़ाव वाली रही है।
तमांग 1994 से लगातार पांच बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए
तमांग 1994 से लगातार पांच बार सिक्किम विधानसभा के लिए चुने गए। उन्होंने 2009 तक SDF सरकार में मंत्री के रूप में काम किया।
विधानसभा में तमांग की सदस्यता समाप्त कर दी गई थी
2016 में तमांग को 1994 और 1999 के बीच सरकारी पैसे की हेराफेरी करने के लिए दोषी ठहराया गया था और बाद में विधानसभा में उनकी सदस्यता समाप्त कर दी गई थी।